ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया कि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने एफसीआरए का उल्लंघन कर विदेश से सात करोड़ रुपये से अधिक का विदेशी कोष हासिल किया है. सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. पंजाब में ‘आप’ के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा और अन्य के खिलाफ मादक पदार्थ से जुड़े धन शोधन के मामले की जांच के तहत कुछ दस्तावेज व ईमेल मिलने के बाद ईडी ने यह पत्र मंत्रालय को लिखा है.
यह जांच 2021 में शुरू हुई थी और ईडी ने खैरा को तभी गिरफ्तार कर लिया था. वह अब कांग्रेस में हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पिछले साल अगस्त में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक विस्तृत पत्र भेजा था जिसमें ‘आप’ द्वारा नियमों के कथित उल्लंघन को रेखांकित किया गया है और इसे विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (फेरा) और जनप्रतिनिधिन कानून के उल्लंघन की श्रेणी में रखा गया है. माना जाता है कि ईडी ने हाल में इस मामले से संबंधित कुछ नयी जानकारियां गृह मंत्रालय के साथ साझा की हैं.
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पाया कि ‘आप’ को अब तक लगभग 7.08 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा मिला है और उसने कुछ अन्य विवरणों के अलावा विदेशी दानदाताओं की पहचान और राष्ट्रीयता की कथित तौर पर गलत घोषणा की है और उनकी पहचान में हेरफेर की है.
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने मंत्रालय को दानदाताओं के सत्यापित नाम, उनकी राष्ट्रीयता, पासपोर्ट नंबर, दान की गई राशि, दान का तरीका और प्राप्तकर्ता के बैंक खाता नंबर, बिलिंग नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल, चंदा देने के समय और तारीख और भुगतान के लिए उपयोग किए गए गेटवे की जानकारी दी है.
एजेंसी ने मंत्रालय से कहा कि 2015 और 2016 के बीच अमेरिका और कनाडा में ‘आप’ की विदेशी शाखा के स्वयंसेवकों के माध्यम से पार्टी द्वारा चंदा इकट्ठा करने के लिए आयोजित किए कुछ कार्यक्रम कथित रूप से एफसीआरए का उल्लंघन करते थे. ईडी ने गृह मंत्रालय को यह भी सूचित किया कि कनाडा के कुछ लोगों के नाम और उनकी राष्ट्रीयता को पार्टी के वित्तीय रिकॉर्ड में ‘छुपाया’ गया है ताकि पार्टी के भारतीय बैंक खातों मे आए विदेशी चंदे को छुपाया जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफसीआरए उल्लंघन के मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करता है और गृह मंत्रालय उसे पत्र लिखकर ईडी द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच को कह सकता है.