2019 के मुकाबले 5वें चरण में मतदान में कमी, जानें वोटिंग ट्रेंड की पूरी जानकारी

राज्य20192024
पश्चिम बंगाल80.173.0
महाराष्ट्र55.748.8
बिहार57.252.5
झारखंड65.663.0
ओडिशा72.9 60.7
उत्तर प्रदेश58.6 57.43
जम्मू-कश्मीर34.6 54.21
लद्दाख71.1 67.15

लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण समाप्त होते ही 428 सीटों पर चुनाव संपन्न हो गया है। इससे पहले हुए चार चरणों में 379 सीटों पर चुनाव हुआ था। इस चरण में सोमवार को छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोटिंग हुई। इस बार कुल 57.5 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले चुनाव, 2019 में, इन्हीं सीटों पर 62.0 प्रतिशत वोट डाले गए थे। इस बार वोटिंग ट्रेंड में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे राजनीतिक दल और चुनाव आयोग की चिंता बढ़ गई है।

बिहार में 52.55 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 54.21 प्रतिशत, झारखंड में 63 प्रतिशत, ओडिशा में 60.72 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 57.43 प्रतिशत और लद्दाख में 67.15 प्रतिशत वोटिंग हुई। निर्वाचन आयोग के शाम सात बजे तक उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में अनुमानित मतदान प्रतिशत 57.38 रहा।

इस बार जम्मू-कश्मीर के बारामूला लोकसभा क्षेत्र में 54 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जो लगभग चार दशकों में सबसे अधिक है। 1984 में इस निर्वाचन क्षेत्र में 58.84 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसके बाद यह सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। इस चरण में 4.26 करोड़ महिलाओं और 5,409 थर्ड जेंडर के मतदाताओं समेत कुल 8.95 करोड़ से अधिक लोग मतदान करने के पात्र थे। इनमें 85 वर्ष से अधिक आयु के 7.81 लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता, 100 वर्ष से अधिक आयु के 24,792 मतदाता, और 7.03 लाख दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाता शामिल थे।

इस चरण में 94,732 मतदान केंद्रों पर 9.47 लाख मतदान अधिकारी तैनात किए गए थे। निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की थी। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ। वोटिंग प्रतिशत में कमी का मुख्य कारण विभिन्न स्थानीय मुद्दों, मतदाताओं की उदासीनता और मौसम की स्थितियों को माना जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक इस गिरावट को लेकर चिंतित हैं और इसके प्रभावों पर विचार कर रहे हैं। मतदान प्रतिशत में गिरावट से राजनीतिक दलों के अभियान और रणनीतियों पर भी असर पड़ा है। इसके बावजूद, मतदान प्रक्रिया के सुचारू संचालन और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग के प्रयासों की सराहना की जा रही है। इस चरण के मतदान के बाद अब सभी राजनीतिक दल चुनाव परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।             

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