अग्निवीर योजना पर राजनीतिक बहस तेज़, JDU और अन्य दलों की पुनर्विचार की मांग

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले, सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना को लेकर राजनीतिक बहस फिर से गरमा गई है। गुरुवार को एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता केसी त्यागी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अग्निवीर योजना पर पुनर्विचार होना चाहिए, जिसके बाद अन्य राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं।

JDU की मांग

JDU प्रवक्ता केसी त्यागी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं के एक हिस्से में नाराजगी रही है। हमारी पार्टी चाहती है कि इस योजना की कमियों और खामियों पर विस्तार से बात होनी चाहिए, क्योंकि जनता ने इस पर सवाल उठाए हैं।” उन्होंने जोर दिया कि इस योजना की समीक्षा आवश्यक है, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार JDU के समर्थन पर टिकी होगी।

बिहार सरकार का रुख

बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से जब इस मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “राजनाथ सिंह ने इस पर बयान दिया है और समीक्षा की बात कही है।” वहीं, बिहार सरकार के मंत्री और JDU नेता अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के सांसदों के साथ मीटिंग करेंगे जहां सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं

JDU नेता खालिद अनवर ने कहा, “अगर अग्निवीर योजना से नौजवानों को नुकसान हुआ है, तो सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी। यह कोई बड़ा मसला नहीं है, और जो लोगों के फायदे में होगा, वह काम हम करेंगे।” इसी बीच, उत्तर प्रदेश में 37 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा, “अग्निवीर व्यवस्था तुरंत खत्म होनी चाहिए।”

कांग्रेस और अन्य दलों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंदर हुड्डा ने कहा, “अग्निवीर योजना तुरंत समाप्त होनी चाहिए।” पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस पर विचार की जरूरत बताई। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योजना को ‘भारत माता और सेना के साथ गद्दारी’ करार दिया और कहा कि यह मांग जायज है।

कांग्रेस का रुख

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाते हुए 30 मई को घोषणा की थी कि वे इस योजना को रद्द करेंगे। उन्होंने कहा, “प्राइम मिनिस्टर ने जवानों को मजदूरों में बदला है। हम जवानों को फिर से जवानों में बदलेंगे।” प्रियंका गांधी ने भी अग्निवीर योजना को सत्ता की राजनीति का नतीजा बताया।

बीजेपी का जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के दावों को झूठा बताते हुए कहा कि अग्निवीर योजना के तहत 25 प्रतिशत जवानों को सेना में स्थायी नौकरी मिलेगी और बाकी के लिए राज्य पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स में आरक्षण होगा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी जी ने झूठी बात को मुद्दा बनाया है।”

योजना का विवरण

अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 साल के युवाओं को सेना में चार साल की सेवा के लिए भर्ती किया जाएगा। सेवा के दौरान सभी भत्ते और सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन सेवा समाप्ति के बाद पेंशन या अन्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी। अग्निवीरों को सेना में एक अलग रैंक मिलेगी और वे चार साल की सेवा के बाद ही नियमित पदों पर नियुक्त हो सकेंगे।

अग्निवीर योजना पर उठे इस राजनीतिक विवाद से यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में यह मुद्दा और गरमा सकता है। कई दलों ने योजना की समीक्षा की मांग की है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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