✈️ “ड्रीमलाइनर नहीं, डर-लाइनर! एयर इंडिया की ‘थ्रिलिंग’ उड़ानें — उड़ो नहीं, उधास हो जाओ!”
देश की सबसे भरोसेमंद (मतलब, भरोसे की परीक्षा लेती हुई) एयरलाइन, एयर इंडिया, एक बार फिर यात्रियों को हवा में रोमांच का डोज़ दे गई! दिल्ली जा रही फ्लाइट AI315 ने जैसे ही हांगकांग से उड़ान भरी, वैसे ही प्लेन ने सोचा — “चलो थोड़ा डर भी उड़ाओ!” और बीच आसमान से लौट चली अपने पुराने ठिकाने।
✈️ तकनीकी खराबी नहीं, “सरप्राइज़” था!
सूत्रों के अनुसार, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अपने नाम के मुताबिक यात्रियों को एक “डरावना ड्रीम” दिखा डाला। उड़ान के तुरंत बाद पायलट को सिस्टम में कुछ “संभावित खराबी” दिखी — और पायलट ने कहा, “भाई वापसी मारो! रिटर्न गिफ्ट में डर बांटना है।”
😟 यात्री बोले: “ये टिकट था या ट्रॉमा पास?”
हालाँकि प्लेन सुरक्षित लैंड कर गया, लेकिन यात्रियों के दिल अब भी बीच हवा में ही अटके हैं। इमरजेंसी गेट से उतरते वक़्त कई लोग सोच रहे थे — “काश Uber से चले जाते!”
🔧 इंजीनियर बोले: “हम देख रहे हैं… अभी देख ही रहे हैं…”
तकनीकी टीम अभी भी यह पता लगाने में व्यस्त है कि खराबी थी कहाँ। कुछ ने सुझाव दिया कि शायद प्लेन को “नींद से उठाकर” उड़ाया गया था — और ड्रीमलाइनर अभी भी सपने में ही था।
📍 ये कोई पहला ‘फ्लाइट फ्राइट’ नहीं
हिंडन एयरपोर्ट से कोलकाता जा रही फ्लाइट IX-1511 रनवे पर ही ध्यानमग्न अवस्था में एक घंटे तक खड़ी रही। यात्रियों ने इसे “एयर इंडिया की ध्यान साधना सेवा” नाम दिया।
वहीं लुफ्थांसा की फ्लाइट भी जर्मनी से भारत आते-आते बोली — “हमें देश से बाहर ही रहने दो!”
🛬 ‘बोइंग 787’ बना बोइंग बवाल-87
लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों के बाद अब लोग पूछ रहे हैं — ड्रीमलाइनर किसका ड्रीम है? मुसाफिर का या मेकैनिक का?
✍️ निष्कर्ष:
एयर इंडिया अब सिर्फ एक एयरलाइन नहीं रही — ये एक थ्रिलर राइड है। टिकट बुक कराइए और हर उड़ान में सोचिए: “आज उड़ेंगे या लौटेंगे?”