कानून का सहारा या औरत के नाम पर साज़िश? -झूठे रेप केस का बढ़ता चलन
भारतीय समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर विशेष कानून बनाए गए हैं। ये कानून महिलाओं को हिंसा, उत्पीड़न और यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में एक चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है— झूठे रेप केस इन्हीं कानूनों का दुरुपयोग। एक Aurat ने गुस्से में एक पुरुष पर रेप का आरोप लगाया।
पुलिस ने उसे तुरंत उठाया और जेल भेज दिया। अगले ही दिन Aurat खुद कोर्ट पहुंचकर बोली – “मेरा झगड़ा हुआ था, इसलिए बदले में ये सब किया।”
अब यहां से कहानी यू-टर्न लेती है।
अदालत ने कहा – “ये खेल बहुत दिन चल गया, अब हिसाब होगा।”
📍Aurat की सुरक्षा के कानून या बदले का हथियार?
हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सख्त कानून बने – डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट, रेप के खिलाफ सख्त धाराएं, सेक्शुअल हैरेसमेंट एक्ट…
लेकिन अदालत में जज की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति ने एक बात खुलकर कही –
“ये कानून अब बदले की कहानी का स्क्रिप्ट बनते जा रहे हैं।”
⚖️ 10 दिन की जेल और एक बड़ा सबक
जिस व्यक्ति को झूठे रेप केस में गिरफ्तार किया गया, वो 10 दिन जेल में रहा।
किसी के 10 दिन यूंही जेल में काटना, क्या सज़ा से कम होता है?
अदालत ने कहा –
“अगर किसी Aurat के झूठे आरोप से एक भी दिन कोई जेल गया,
तो उसे भी कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।”🔍 पुलिस को भी आइना दिखा दिया गया
पुलिस पर भी सवाल उठा –
“सिर्फ FIR देखकर गिरफ्तारी क्यों?
थोड़ी जांच-पड़ताल करने में आपकी वर्दी की इज्ज़त कम नहीं हो जाती।”
🧠 झूठ के इस खेल की असली कीमत कौन चुकाता है?
नाम खराब, नौकरी गई, रिश्तेदारों की नज़रें बदल गईं,
सोशल मीडिया पर ‘रेपिस्ट’ कहकर ट्रोल कर दिया गया।
कोई पूछने नहीं आता – “असली कहानी क्या थी?”Aurat को फायदा मिल जाता है ‘महिला होने’ का,
लेकिन मर्द?
उसके लिए कोई एक्टिविस्ट नहीं, कोई मोर्चा नहीं।
इस तरह के झूठे रेप केस असली पीड़ित महिलाओं की लड़ाई को भी कमजोर करते हैं।
हर झूठी एफआईआर, एक सच्चे केस की साख गिराती है।
🔚 आख़िरी बात – ये सिर्फ ‘केस’ नहीं, एक चेतावनी है
कोर्ट ने एक सीधा संदेश दिया है:
“Special laws हैं, लेकिन ‘Special license to lie’ नहीं।”
अब हर झूठ का हिसाब होगा।
हर झूठे केस के पीछे की असल मंशा को अदालत समझेगी।
और कानून उसी के खिलाफ चलेगा – भले वो महिला हो या पुरुष।