घटना का विवरण
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के एक गांव में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने बताया कि आतंकियों ने कुछ घरों से पानी मांगा था, जिससे ग्रामीणों को संदेह हुआ और उन्होंने दरवाजे बंद कर दिए तथा कुछ लोगों ने शोर मचाया। घबराए आतंकियों ने हवा में अंधाधुंध गोलियां चलाईं और पास से गुजर रहे एक ग्रामीण पर भी गोलियां चलाईं।
मुठभेड़ की शुरुआत
यह मुठभेड़ कल शाम शुरू हुई, जब एक आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। दूसरे आतंकी को आज मार गिराया गया। आतंकियों ने पानी मांगने के लिए घर-घर जाकर ग्रामीणों पर शक पैदा किया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने दरवाजे बंद कर दिए और शोर मचाया। इससे आतंकियों ने घबराकर फायरिंग की।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही एसएचओ हीरानगर और एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई। इस दौरान पुलिस पर ग्रेनेड फेंकने की कोशिश करते समय एक आतंकी मारा गया, जबकि दूसरे आतंकी की तलाश के दौरान उसे आज मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ जवान भी शहीद हो गया।
सुरक्षा बलों की घेराबंदी और तलाशी अभियान
पुलिस और सीआरपीएफ ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया। एक-एक घर की तलाशी ली गई। कठुआ में आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी कर रहे जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने बताया कि आतंकवादियों को सबसे पहले कल देर शाम हीरा नगर के सैदा सुखल गांव में देखा गया था।
ग्रेनेड हमला और घायल नागरिक
एक उच्च अधिकारी ने बताया कि पुलिस पर ग्रेनेड फेंकने की कोशिश करते समय एक आतंकी मारा गया। घायल हुए एक नागरिक ओमकार नाथ और उनकी पत्नी को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि और लोग हताहत हुए हैं।
अन्य घटनाएं
डोडा में कल देर रात सेना के एक अड्डे पर आतंकी हमला हुआ। जैन ने बताया कि आतंकियों ने चत्तरगला इलाके में सेना के एक अड्डे पर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स के एक संयुक्त दल पर गोलीबारी की। इस हमले में पांच सैनिक और एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) घायल हो गए।
हालिया हमला
इन दो घटनाओं से ठीक दो दिन पहले रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी एक बस पर हमला हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 33 यात्री घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू हमजा के निर्देश पर किया गया था।
निष्कर्ष
कठुआ में हुई मुठभेड़ से साफ है कि सुरक्षा बल हर स्थिति में तत्पर हैं और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह से मुस्तैद हैं। ग्रामीणों की सतर्कता और सुरक्षा बलों की तत्परता ने मिलकर इस बड़े खतरे को टालने में अहम भूमिका निभाई।