समस्या क्या थी?
- यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो रहे थे,
- पीक आवर्स (शाम 5-9 और दोपहर 10-1) में ट्रैफिक बहुत बढ़ जाता था,
- बैलेंस इंक्वायरी और लिस्टिंग के चलते सिस्टम पर भारी लोड।
सरकार और NPCI ने मिलकर लाए हैं ये 7 बड़े नियम:
1️⃣ बैलेंस चेक पर लिमिट
🔹 अब एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
🔸 इससे सिस्टम पर अनावश्यक लोड कम होगा।
📌 ऑटो-रिफ्रेश ऐप्स पर भी यह लिमिट लागू होगी।
2️⃣ अकाउंट लिस्टिंग API पर कंट्रोल
🔹 अब यूपीआई ऐप्स 25 बार से ज़्यादा अकाउंट लिस्टिंग रिक्वेस्ट नहीं कर पाएंगे।
🔸 बार-बार बैंक अकाउंट सिलेक्शन से बचाव होगा।
📌 मल्टी-अकाउंट यूज़र्स को इससे सिस्टम स्लो नहीं लगेगा।
3️⃣ फेल ट्रांजैक्शन रीट्राई लिमिट
🔹 एक ट्रांजैक्शन को अब अधिकतम 3 बार रीट्राई किया जाएगा।
🔸 खासकर पीक टाइम पर फेल ट्रांजैक्शन की रीट्राई लिमिट लागू होगी।
📌 अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाए तो तुरंत दूसरा ऐप या अकाउंट ट्राय करें।
4️⃣ ऑटो-पे ट्रांजैक्शन अब सिर्फ नॉन-पीक टाइम में
🔹 ऑटोमेटिक EMI, बिल या OTT सब्सक्रिप्शन डेबिट
अब पीक टाइम में नहीं होगा।
🔸 इससे EMI फेलियर कम होगा।
📌 आपका सब्सक्रिप्शन अब सुबह या देर रात कटेगा।
5️⃣ एपीआई रेट कंट्रोल और TPS मॉनिटरिंग
🔹 हर ऐप को अब अपने ट्रांजैक्शंस-पर-सेकंड (TPS) लिमिट में रखना होगा।
🔸 लिमिट से ज्यादा ट्रैफिक हुआ तो ऐप अस्थाई रूप से ट्रांजैक्शन रिजेक्ट करेगा।
📌 Google Pay, PhonePe, आदि को अब बैकएंड ऑप्टिमाइज़ करना होगा।
6️⃣ रिफंड और चार्जबैक सिस्टम में पारदर्शिता
🔹 फेल ट्रांजैक्शन में अब रिफंड जल्द मिलेगा और
चार्जबैक का ट्रैकिंग सिस्टम होगा।
🔸 यूजर को अब क्लियर स्टेटस मिलेगा – पैसा कब आएगा, कहां अटका है।
📌 अब “पेंडिंग” या “अटका” पैसा नहीं भटकेगा।
7️⃣ पेमेंट एग्रीगेटर्स को देना होगा बैकएंड चार्ज
🔹 GPay, PhonePe, Paytm जैसे UPI ऐप्स को अब बैंकों को मामूली फीस देनी होगी।
🔸 इससे बैंकिंग सिस्टम को वित्तीय मदद मिलेगी।
📌 यूज़र्स से कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाएगा।
📊 UPI का भार कितना है?
➡️ हर महीने 12 बिलियन से ज़्यादा ट्रांजैक्शन
➡️ सेकंड्स में लाखों रिक्वेस्ट
➡️ NPCI के अनुसार ये बदलाव सिस्टम की स्टेबिलिटी और सिक्योरिटी के लिए अनिवार्य हैं।
🛣️ एक और ज़रूरी अपडेट: FASTag एनुअल पास
- ₹3000 में 200 टोल क्रॉसिंग्स,
- लागू होगा 15 अगस्त से
- ऑनलाइन अप्लाई करें, नए टैग की जरूरत नहीं।
🏦 PNB खाताधारकों के लिए अलर्ट
- जिनका KYC 30 जून तक अपडेट नहीं हुआ,
- उनकी अंतिम तारीख है: 8 अगस्त 2025
- वरना खाता टेंपरेरी होल्ड किया जा सकता है।
📌 निष्कर्ष:
UPI के नए नियम डिजिटल ट्रांजैक्शंस को तेज़, सुरक्षित और सस्टेनेबल बनाएंगे।
बैंकों का भार कम होगा, यूज़र्स को बेहतर अनुभव मिलेगा।