भारत–रूस रिश्तों पर डोभाल का जोर, अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच मॉस्को में वार्ता

वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत–रूस की पुरानी और विशेष साझेदारी अहम: NSA अजीत डोभाल

नई दिल्ली/मॉस्को — राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा वैश्विक “अस्थिरता” और “अनिश्चितता” के बीच भारत–रूस की “पुरानी, रणनीतिक और विशेष” साझेदारी की अहमियत और बढ़ गई है। डोभाल मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू के साथ वार्षिक बैठक में बोल रहे थे।

डोभाल ने कहा, “एक्सीलेंसी, जैसा आपने कहा कि दुनिया इस समय बेहद उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रही है। कुछ चीज़ें अप्रत्याशित हैं, कुछ अनिश्चित। ऐसे माहौल में हमारी पुरानी, रणनीतिक और विशेष साझेदारी की भूमिका बेहद खास है।”

यह यात्रा कम से कम दो सप्ताह पहले तय हुई थी, लेकिन ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के बीच तनाव बढ़ा है, खासकर रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर।

ट्रंप का 25% अतिरिक्त टैरिफ
बुधवार को ट्रंप ने भारत पर 25% का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की घोषणा की, जो अगस्त के आखिरी हफ्ते से लागू होगा। यह पहले से लागू 25% टैरिफ के अतिरिक्त होगा। ट्रंप ने रूस से भारत के बढ़ते तेल आयात को यूक्रेन युद्ध में “मॉस्को की युद्ध मशीन” को समर्थन करार दिया है।

वार्ता के एजेंडे में आतंकवाद, S-400 और पुतिन की यात्रा
डोभाल ने शोइगू से मौजूदा वैश्विक हालात पर राय मांगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद से निपटने में साझा हितों को रेखांकित किया। उन्होंने नवंबर 2024 में हुई IRIGC-TEC बैठक के फैसलों पर “फॉलो-अप एक्शन” की जरूरत पर भी जोर दिया।

डोभाल ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की तारीखें “लगभग” तय हो गई हैं। उम्मीद है कि पुतिन इस साल के अंत में वार्षिक भारत–रूस शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आएंगे। फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।

रणनीतिक मामलों में डोभाल S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की बची हुई दो यूनिट्स की डिलीवरी पर भी चर्चा करेंगे। इन सिस्टम्स ने मई 2025 में पाकिस्तान के साथ 87 घंटे के संघर्ष में भारत की वायु सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई थी। यह डोभाल की “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पहली मॉस्को यात्रा है।

रूस से रिकॉर्ड तेल आयात
2024–25 में रूस से भारत का ऊर्जा आयात बढ़कर 56 अरब डॉलर पहुंच गया। G7 देशों द्वारा 2022 में रूस पर प्रति बैरल 60 डॉलर का प्राइस कैप लगाने के बाद रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया।

भारत–अमेरिका व्यापार वार्ता में अड़चन
हाल के हफ्तों में ट्रंप ने रूस से भारत के रिश्तों पर नाराज़गी जताई है, खासकर तब से जब भारत–अमेरिका “मिनी ट्रेड डील” पर बातचीत ठप हो गई। दोनों देश पारस्परिक टैरिफ कम करने और व्यापक व्यापार समझौते पर काम कर रहे थे। मोदी और ट्रंप ने घोषणा की थी कि इस डील का “पहला चरण” शरद 2025 तक सामने आएगा।

लेकिन अमेरिकी कृषि और डेयरी सेक्टर तक पहुंच को लेकर मतभेद बरकरार हैं। भारत ने प्रोसेस्ड डेयरी और कुछ गैर-घरेलू कृषि उत्पादों पर रियायतें दीं, पर यह वाशिंगटन के लिए पर्याप्त नहीं साबित हुईं।

इसी बीच, अमेरिका के मध्य-पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, जो ट्रंप के रूस–यूक्रेन युद्ध मामलों के प्रभारी हैं, ने डोभाल की यात्रा से एक दिन पहले पुतिन से मुलाकात की। अगले हफ्ते ट्रंप और पुतिन की सीधी भेंट होने की संभावना है, जिसका उद्देश्य युद्धविराम पर गतिरोध तोड़ना है।