“अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ ब्रिक्स देशों की बड़ी तैयारी, संयुक्त जवाबी कार्रवाई पर मंथन”

ब्रिक्स देशों ने अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ उठाए कदम पर विचार शुरू किया

नई दिल्ली/जोहांसबर्ग। अमेरिका द्वारा ब्रिक्स देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) पर लगाए गए टैरिफ के बाद अब इन देशों ने सामूहिक रूप से जवाबी कदम उठाने पर विचार शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में सभी सदस्य देशों ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया है।

अमेरिका ने हाल के महीनों में विभिन्न ब्रिक्स देशों के उत्पादों पर अलग-अलग दरों से आयात शुल्क बढ़ाया है, जिसका सीधा असर इनकी अर्थव्यवस्था और निर्यात पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और ‘फ्री ट्रेड’ की भावना के विपरीत है।

बैठक में चर्चा के दौरान सदस्य देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज करने, अमेरिकी उत्पादों पर ‘रिटालिएटरी टैरिफ’ लगाने और वैकल्पिक व्यापार तंत्र को मजबूत करने जैसे विकल्पों पर विचार किया।

चीन और रूस ने सुझाव दिया कि ब्रिक्स देशों को आपसी व्यापार में स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल को और तेज़ी से बढ़ाना चाहिए, ताकि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम हो सके। भारत और ब्राज़ील ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि यह दीर्घकालिक समाधान हो सकता है।

जानकारों के अनुसार, अगर ब्रिक्स एकजुट होकर अमेरिका के खिलाफ कदम उठाता है, तो वैश्विक व्यापार समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह टकराव अगर बढ़ा, तो इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।