आज पूरे देश में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और दूरदर्शी वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और अथक प्रयासों से डॉ. साराभाई ने देश में अंतरिक्ष अनुसंधान की मजबूत नींव रखी, जिसने भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व पटल पर प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।
डॉ. साराभाई के नेतृत्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना हुई और उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में भारत ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाए। उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया कि संसाधनों की कमी के बावजूद दूरदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और संकल्प से कोई भी देश अंतरिक्ष विज्ञान में आत्मनिर्भर बन सकता है।
प्रधानमंत्री से लेकर वैज्ञानिक समुदाय तक, सभी ने आज उन्हें नमन करते हुए कहा कि डॉ. साराभाई का योगदान केवल विज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि यह भारत के आत्मविश्वास और भविष्य की वैज्ञानिक यात्रा की आधारशिला है।
उनकी विरासत आज भी ISRO की उपलब्धियों में जीवित है—चंद्रयान से लेकर गगनयान तक हर मिशन में डॉ. साराभाई की सोच और सपनों की झलक दिखाई देती है।
देश भर के वैज्ञानिकों, छात्रों और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर #VikramSarabhai ट्रेंड करते हुए उनके प्रेरणादायक जीवन से सीखने का संकल्प लिया।
विज्ञान के इस महानायक को नमन – जिनकी सोच ने भारत को अंतरिक्ष में उड़ान भरना सिखाया।