प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में आयोजित ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपुलिया पहुंचे हैं। ब्रिंडिसि हवाई अड्डे पर भारत के राजदूत वाणी राव और अन्य अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचा। विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।”
उन्होंने अपनी यात्रा के संदर्भ में कहा, “मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से स्वागत के लिए याद करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर आज जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे, जहाँ वह कई विश्व नेताओं से मुलाकात भी करेंगे। इस दौरान, माना जा रहा है कि अमेरिका खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू का मुद्दा उठा सकता है।
जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली वर्तमान में जी-7 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। भारत के अलावा, इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है।
प्रधानमंत्री मोदी की इटली यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा उनके तीसरे कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा है और इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान, वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। विभिन्न विश्व नेताओं के साथ होने वाली बैठकें इस शिखर सम्मेलन को और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जहाँ विभिन्न देशों के नेता एकत्र होते हैं और समाधान की दिशा में मिलकर काम करने की कोशिश करते हैं। इस बार का शिखर सम्मेलन भी विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होगा।