Gen Z संकट: क्यों नई पीढ़ी करियर में पहचान बनाने से चूक रही है?

आज की युवा पीढ़ी यानी Gen Z (1997 से 2012 के बीच जन्मे लोग) अक्सर असमंजस और अनिश्चितता में घिरी नज़र आती है। उन्हें लेकर एक पूरी पीढ़ी यह कहती है कि “ये निकम्मे हैं”। लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी समस्याएँ व्यक्तिगत कम और परिस्थितिजन्य ज़्यादा हैं। समाज और टेक्नोलॉजी के बदलावों ने इन्हें पाँच ऐसे जालों में फंसा दिया है, जिनसे निकलना आसान नहीं।

1. अधीरता: सबकुछ “On Demand” की आदत

Gen Z ऐसी दुनिया में पली-बढ़ी जहाँ हर चीज़ — खाना, शॉपिंग, म्यूज़िक — सिर्फ एक क्लिक पर मिल जाती है। इसी कारण वे उम्मीद करते हैं कि सफलता, पैसा और रिश्ते भी तुरंत मिलेंगे। लेकिन जीवन की बड़ी उपलब्धियाँ समय और धैर्य मांगती हैं।


2. विकल्पों की भरमार: Confusion का जाल

पहले करियर के रास्ते सीमित थे— डॉक्टर, इंजीनियर या सरकारी नौकरी। आज अनगिनत विकल्प हैं— AI इंजीनियर से लेकर कंटेंट क्रिएटर तक।
Too many choices = Too much confusion.
युवाओं के सामने समस्या है कि किस दिशा को चुनें और किसे छोड़ें। यही उलझन उन्हें निर्णय लेने से रोक देती है।


3. लगातार तुलना: सोशल मीडिया का दबाव

पहले तुलना पड़ोसी के बच्चों से होती थी, अब पूरा विश्व आपके सामने है।
Instagram और LinkedIn पर नज़र डालते ही लगता है कि हर कोई आपसे आगे है।
यह तुलना युवाओं को हमेशा अधूरा और “लूजर” महसूस कराती है।


4. तेज़ बदलाव: सीखते-सीखते स्किल Outdated

एक दौर था जब एक डिग्री 30 साल काम आती थी। अब हालात यह हैं कि कॉलेज खत्म होते-होते सीखा हुआ ज्ञान पुराना हो जाता है।
टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री इतनी तेजी से बदल रही है कि युवाओं को लगातार नए स्किल्स सीखने पड़ रहे हैं।


5. खुद से दूरी: Self-awareness का अभाव

डिजिटल युग ने उन्हें कभी अकेला रहने ही नहीं दिया।
फोन, सोशल मीडिया और Netflix ने आत्म-चिंतन का समय छीन लिया है।
परिणामस्वरूप, युवा अपने असली भावनाओं और ज़रूरतों को समझ ही नहीं पाते।


निष्कर्ष

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पाँचों कारण Gen Z की गलती नहीं हैं, बल्कि उनकी परवरिश की परिस्थिति का परिणाम हैं।

  • Instant Culture ने impatience पैदा किया
  • Abundance ने confusion
  • Social Media ने endless comparison
  • Speed of Change ने insecurity
  • और Distractions ने self-awareness को मिटा दिया

लेकिन इन चुनौतियों को स्वीकार कर, धैर्य और लगातार सीखने की आदत विकसित कर, तथा खुद के साथ समय बिताकर ही यह पीढ़ी अपनी करियर पहचान और जीवन की स्थिरता बना सकती है।