इटली का विशेष आमंत्रण:
इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए।
द्विपक्षीय वार्ताएं:
इटली में, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और पोप फ्रांसिस सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
प्रधानमंत्री मोदी का आभार:
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने और उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री @GiorgiaMeloni के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। G7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने और शानदार व्यवस्थाओं के लिए उनका धन्यवाद। हमने वाणिज्य, ऊर्जा, रक्षा, दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों में भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। हमारे देश जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्य के क्षेत्रों में एक साथ काम करेंगे।”
आउटरीच सेशन में संबोधन:
अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सेशन’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने समावेशी समाज की नींव रखने के लिए प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कृत्रिम मेधा पर जोर:
प्रधानमंत्री ने कृत्रिम मेधा (एआई) पर विशेष जोर देते हुए कहा कि भारत एआई पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले अग्रणी देशों में शामिल है।
शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकातें:
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, पोप फ्रांसिस और जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा सहित अनेक नेताओं से मुलाकात की।