हज़रतबल, श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रतीक से छेड़छाड़ पर विवाद

हज़रतबल दरगाह परिसर में बने एक नए प्रोजेक्ट के उद्घाटन शिला-लेख से अशोक स्तंभ — जो भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है — हटाए जाने की तस्वीरें सामने आई हैं। यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की ओर से कराया गया था।

सोशल मीडिया पर फैल रहे इन दृश्यों ने लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों बढ़ा दी है। कई नागरिकों और संगठनों ने इसे सिर्फ़ तोड़फोड़ नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और संविधान का अपमान बताया है। राष्ट्रीय प्रतीक को हटाना न सिर्फ़ भावनात्मक चोट है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि सार्वजनिक परियोजनाओं में राष्ट्रीय पहचान के प्रतीकों के साथ ऐसी लापरवाही कैसे हो सकती है।

सरकारी संस्थाओं से अब यह मांग तेज़ हो गई है कि मामले की गहराई से जाँच हो और जिम्मेदार लोगों पर सख़्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या यह जानबूझकर किया गया कदम था या फिर किसी दबाव का नतीजा।

राष्ट्रीय प्रतीक किसी धर्म या संस्था का नहीं, बल्कि पूरे भारत की अस्मिता का प्रतीक है। उससे छेड़छाड़ किसी भी रूप में देश की गरिमा पर सीधा आघात माना जाएगा।