12 सितंबर 2025 को आयोजित SSC CGL टियर-1 परीक्षा कई शहरों में अफरा-तफरी का कारण बनी। गुरुग्राम, दिल्ली, जम्मू और कोलकाता सहित कई केंद्रों पर सर्वर फेल और तकनीकी खराबियों के चलते पेपर रद्द या देर से शुरू हुए। इस गड़बड़ी से लगभग 28 लाख अभ्यर्थी प्रभावित हुए, जो 14,582 सरकारी पदों के लिए परीक्षा दे रहे थे।
नया वेंडर विवादों में
इस बार परीक्षा का संचालन नए वेंडर Eduquity को सौंपा गया था, जिसने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की जगह ली। आरोप हैं कि टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी कर राजनीतिक संबंधों वाले इस वेंडर को मौका दिया गया। कई केंद्रों पर लगातार सर्वर क्रैश और लॉगिन समस्याओं ने छात्रों का गुस्सा और बढ़ा दिया।
छात्रों का विरोध और पुरानी यादें
तकनीकी गड़बड़ियों की खबर फैलते ही दिल्ली, पटना, लखनऊ और अन्य शहरों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर केंद्र की नाकामी और भ्रष्टाचार के पुराने मामलों को उजागर किया। उन्हें डर है कि यह गड़बड़ी केवल संयोग नहीं बल्कि सिस्टम की पुरानी कमजोरियों की वापसी है।
सुधार की मांग
परीक्षा में हुए इस फियास्को ने एक बार फिर SSC की पारदर्शिता और भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने और ठोस सुधार लागू करने की मांग की है।
सरकार और आयोग की अगली चाल पर अब सबकी नजर है, क्योंकि लाखों उम्मीदवारों का भविष्य इसी पर टिका है।