मध्यप्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि 2023 की जाति गणना में ओबीसी की आबादी लगभग 48 प्रतिशत पाई गई, इसलिए आरक्षण बढ़ाना जरूरी है। अगर यह लागू हुआ तो एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस को मिले मौजूदा कोटे के साथ कुल आरक्षण 73 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
अगस्त 2025 में भोपाल में हुई सर्वदलीय बैठक में लगभग सभी दलों ने इस फैसले का समर्थन किया। सरकार इसे सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम मान रही है।
दूसरी ओर सामान्य वर्ग के कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि यह संविधान में दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 24 सितंबर 2025 को करेगा।
इसी बीच सरकारी नौकरियों में चल रही भर्तियों के करीब 13 प्रतिशत पदों पर रोक लगी हुई है। अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैं, जो तय करेगा कि बढ़ा हुआ आरक्षण लागू होगा या नहीं।