रूस और ईरान के बीच सामरिक साझेदारी में बढ़ोतरी हो रही है, जो पश्चिमी देशों द्वारा दोनों देशों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के बावजूद जारी है। सितंबर के अंत से, कम से कम दर्जन भर रूसी सैन्य परिवहन विमान ईरान में लैंड कर चुके हैं, जिनमें से कई विमान साइबेरिया स्थित एयरबेसों जैसे इर्कुत्स्क एविएशन प्लांट से आए हैं। यह प्लांट SU-30 फाइटर जेट्स के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है।
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब रूस-ईरान के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत हो चुकी है, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में और गहरी पैठ हो रही है। ईरान ने पहले भी रूस से Yak-130 ट्रेनर और MiG-29 जेट्स प्राप्त किए हैं, और अब SU-35 फाइटर जेट्स की आपूर्ति के साथ-साथ उन्नत विमानों के संयुक्त उत्पादन की संभावना पर भी सहमति बन चुकी है।
इस बदलाव से यह साफ है कि रूस और ईरान की साझेदारी सैन्य क्षेत्र में और गहरी हो रही है, जबकि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का प्रभाव दोनों देशों पर कम होता जा रहा है। यह ईरान के लिए सैन्य क्षमता बढ़ाने का एक अवसर है और रूस के लिए एक मजबूत साझेदार का सृजन।
आने वाले समय में इस साझेदारी के और विस्तार की संभावना जताई जा रही है, जो दोनों देशों को वैश्विक सैन्य स्थिति में एक नई दिशा में ले जा सकती है।