भारत अपनी सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए AK-630 एयर डिफेंस गन सिस्टम की खरीद कर रहा है। यह कदम ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य 2035 तक एक स्वदेशी मल्टी-लेयर सुरक्षा कवच तैयार करना है।
AK-630 एक 30 मिमी मल्टी-बैरल गन सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से समुद्री जहाजों पर तैनात किया जाता है। यह सिस्टम प्रति मिनट 3000 राउंड फायर करने की क्षमता रखता है और लगभग 4 किलोमीटर तक प्रभावी है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह ड्रोन, रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार जैसे हवाई खतरों का मुकाबला कर सकता है। इस सिस्टम में ऑल-वेदर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम है, जो किसी भी मौसम में लक्ष्य को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम है।
इस सिस्टम की तैनाती जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में की जाएगी, जहां पाकिस्तान से संभावित हवाई हमलों का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि AK-630 की तैनाती से पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया जा सकेगा और भारतीय सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया क्षमता में वृद्धि होगी।
‘मिशन सुदर्शन चक्र’ 2035 तक भारत के लिए स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के एक दीर्घकालिक प्रयास का हिस्सा है। इसमें सर्विलांस, साइबर सुरक्षा और वायु रक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं। AK-630 की खरीद इस मिशन का एक अहम हिस्सा है, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को सुदृढ़ करने में सहायक होगा।
इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है और स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से अपनी रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर है।