नई दिल्ली, 17 जून – कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वायनाड के उपचुनाव में पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह निर्णय राहुल गांधी ने खुद सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है। राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने पहले यूपी के रायबरेली और केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा था, और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, उन्होंने रायबरेली की सीट को अपने पास रखा और वायनाड की सीट खाली छोड़ दी थी, जिसके परिणामस्वरूप वहां उपचुनाव होने जा रहा है।
प्रियंका गांधी की तैयारी और बयान
प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी और भाई (राहुल) के लिए हमेशा काम करती रहूंगी। मैं अपने भाई को निराश नहीं करूंगी।” उन्होंने आगे कहा कि वह वायनाड का प्रतिनिधित्व करने के योग्य होने पर बहुत खुश हैं और वायनाड के लोगों को राहुल की अनुपस्थिति महसूस नहीं होने देंगी। “मैं कड़ी मेहनत करूंगी और अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी,” प्रियंका ने कहा।
रायबरेली और अमेठी से पुराना रिश्ता
प्रियंका गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। वह रायबरेली और वायनाड दोनों में अपने भाई की मदद करती रहेंगी।
राहुल गांधी का इमोशनल कनेक्शन
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, “मेरा रायबरेली और वायनाड दोनों से इमोशनल कनेक्शन है। प्रियंका चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं भी समय-समय पर वायनाड जाऊंगा। जो वायदे किए हैं, उन्हें पूरा करेंगे।” राहुल ने विश्वास जताते हुए कहा, “प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने जा रही हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वह चुनाव जीतने वाली हैं। वायनाड के लोग सोच सकते हैं कि उनके पास संसद के 2 सदस्य हैं, एक मेरी बहन और दूसरा मैं। मेरे दरवाजे वायनाड के लोगों के लिए हमेशा खुले हैं, मैं वायनाड के हर एक व्यक्ति से प्यार करता हूं।”
यह निर्णय कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रियंका गांधी के राजनीतिक सफर में एक नया अध्याय खोलता है और पार्टी की रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है। वायनाड के उपचुनाव में प्रियंका की उम्मीदवारी कांग्रेस के लिए एक मजबूत संकेत है, और इस फैसले का चुनावी परिणामों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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