मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट के उपचुनाव में ईवीएम हैकिंग का विवाद

मुंबई, 17 जून – मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट के उपचुनाव में ईवीएम हैकिंग की अफवाहों ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। आरोप लगाए गए हैं कि चुनाव के दिन विजेता उम्मीदवार के करीबी ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके ईवीएम को ओपन कर दिया। इस मामले पर अब विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि काउंटिंग के दिन विजेता उम्मीदवार के करीबी ने मोबाइल फोन के माध्यम से ओटीपी जनरेट करके ईवीएम को ओपन कर दिया। यह खबर विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई, और उन्होंने सोशल मीडिया पर इस पर जमकर हंगामा किया। लेकिन चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है।

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम को हैक करना असंभव है। आयोग के अनुसार, मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर काउंटिंग पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ की गई थी। रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और यह लोगों का ध्यान भटकाने की एक साजिश है।

कैंडिडेट्स और चुनाव परिणाम

मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला शिवसेना के दोनों गुटों के बीच था। एनडीए के साथ गठबंधन में एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट से रविंद्र वायकर और उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट से अमोल कीर्तिकर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। चुनाव परिणाम में रविंद्र वायकर ने मात्र 48 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

विपक्ष का आरोप और सत्ताधारी दल की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मिड डे न्यूज़पेपर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि काउंटिंग के दिन वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंकर ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके ईवीएम को हैक किया। हालांकि, चुनाव आयोग और रिटर्निंग ऑफिसर ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मोबाइल फोन का उपयोग केवल डेटा एंट्री के लिए किया गया था, न कि ईवीएम हैकिंग के लिए।

एलॉन मस्क का ट्वीट और उसकी प्रतिक्रिया

एलॉन मस्क के ट्वीट ने इस विवाद को और हवा दी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग बंद कर देना चाहिए, क्योंकि उनके हैक होने का खतरा रहता है। राहुल गांधी ने मस्क के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स हैं और उनकी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते हैं।

जांच और कानूनी कार्रवाई

मुंबई पुलिस ने इस विवाद की जांच के लिए तीन टीमें बनाई हैं। चुनाव आयोग ने सीसीटीवी फुटेज की जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि मोबाइल फोन काउंटिंग हॉल में कैसे पहुंचा। मोबाइल फोन का उपयोग काउंटिंग हॉल में प्रतिबंधित है और इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

यह विवाद चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि ईवीएम को हैक करना संभव नहीं है। इस मामले की पूरी जांच जारी है, और उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।

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