गुजरात के नवसारी जिले की जलालपुर तालुका का सिमलगाम गांव वर्षा जल संचयन का आदर्श मॉडल बनकर उभरा है। यहां ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से बारिश के पानी को संरक्षित कर भूजल स्तर बढ़ाने की मुहिम चल रही है। इस अभियान में गुजरात सरकार की वन कवच पहल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
नवसारी की जल संरक्षण कार्यकर्ता डॉ. अमिताबेन पटेल का कहना है कि गांव में 6×6 फीट के गड्ढे खोदकर उनमें पत्थर भरे गए, जिससे वर्षा का पानी सीधे जमीन में रिसने लगा और भूजल स्तर बढ़ने लगा। उन्होंने बताया कि जो पानी पहले बेकार बह जाता था, अब वह जमीन के भीतर जाकर जल स्रोतों को रीचार्ज कर रहा है, जिससे पानी की कमी में काफी कमी आई है।
पंचायत जल आपूर्ति विभाग के कार्यपालक इंजीनियर जयनीश अंगध ने बताया कि वन कवच पहल के तहत सिमलगाम में एक बड़ा वाटर रीचार्जिंग स्ट्रक्चर विकसित किया गया है। यहाँ सिमलगाम, छीड़म और छपरा तीन गांवों का वर्षा जल संग्रह कर 14×10 मीटर के रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर में पहुंचाया जाता है।
इस प्रयास से न सिर्फ भूजल स्तर सुधरा है, बल्कि कृषि भूमि की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है। पहले जहां इलाके को जल संकट का सामना करना पड़ता था, अब वहां पानी की उपलब्धता बढ़ने से ग्रामीणों को राहत मिली है।
नवसारी में जनभागीदारी के साथ किए गए ये प्रयास ग्रामीण जल संरक्षण का सफल और प्रेरणादायक उदाहरण बन गए हैं।
