केंद्र सरकार ने लागू किए नए लेबर लॉ: 40 करोड़ कामगारों को मिलेगा लाभ, वेतन, ग्रेज्युटी, ओवरटाइम और महिलाकर्मियों के नियमों में बड़े बदलाव
केंद्र सरकार ने श्रम सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 29 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 नए श्रम कोड लागू कर दिए हैं। सरकार के इस फैसले से देश के करीब 40 करोड़ कामगारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। आज़ादी के बाद पहली बार इस तरह का व्यापक श्रम सुधार किया गया है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी संरचना, ग्रेज्युटी, ओवरटाइम, सामाजिक सुरक्षा और कामकाजी नियमों में बड़े बदलाव शामिल हैं।
सरकार ने जिन चार नए श्रम कानूनों को लागू किया है, वे हैं—
वेतन संहिता, 2019
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता, 2020
महिला कर्मचारियों के लिए क्या बदला?
नए लेबर कोड में महिलाओं की सुरक्षा, समान वेतन और वर्किंग राइट्स के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
पुरुषों के समान काम पर महिलाओं को समान वेतन अनिवार्य।
नाइट शिफ्ट की अनुमति: अब महिलाएँ सभी सेक्टर्स में नाइट शिफ्ट कर सकती हैं (आवश्यक सुरक्षा प्रावधानों के साथ)।
वर्किंग आवर चुनने की सुविधा: महिलाएँ अधिक वर्किंग आवर्स का विकल्प चुन सकती हैं।
मैटरनिटी लीव बढ़ाई गई: 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते पेड मैटरनिटी लीव।
क्रेच सुविधा अनिवार्य: 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को क्रेच सुविधा देनी होगी।
ग्रेज्युटी के नियमों में बड़ा बदलाव
अब ग्रेज्युटी पाने के लिए 5 साल नहीं, केवल 1 साल की नौकरी आवश्यक होगी।
12 महीने पूरा करने के बाद कर्मचारी ग्रेज्युटी पाने का हकदार होगा।
ओवरटाइम पर डबल सैलरी
नए कानून के मुताबिक—
प्रतिदिन 8–12 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे तय किए गए हैं।
इससे अधिक काम करने पर अब दोगुनी दर से ओवरटाइम पेमेंट मिलेगा।
महीने की 7 तारीख तक सैलरी अनिवार्य
नए लेबर कोड के अनुसार:
सभी कंपनियों (IT कंपनियों समेत) को हर महीने की 7 तारीख तक सैलरी प्रोसेस करनी होगी।
न्यूनतम वेतन का अधिकार
अब देश के प्रत्येक कर्मचारी (संगठित या असंगठित) को मिनिमम वेज का अधिकार होगा।
कोई भी राज्य सरकार केंद्र द्वारा निर्धारित फ्लोर वेज से कम न्यूनतम वेतन नहीं तय कर सकेगी।
कर्मचारियों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच
कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए:
40 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को फ्री हेल्थ चेकअप मिलेगा।
जोखिम वाले काम करने वाले कर्मचारियों को 100% हेल्थ सिक्योरिटी दी जाएगी।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को मिली कानूनी पहचान
नए श्रम कानूनों में पहली बार:
गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स (Swiggy, Zomato, Amazon Delivery आदि) को कानूनी मान्यता मिली है।
इन्हें भी PF, पेंशन, बीमा और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी स्थायी कर्मचारियों जैसे कई लाभ सुनिश्चित किए गए हैं।
नए लेबर लॉ में क्या-क्या प्रमुख बदलाव हुए?
सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य अपॉइंटमेंट लेटर
सभी को PF, ESIC, बीमा के फायदे
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कवरेज
मिनिमम वेज का अधिकार
समय पर सैलरी पेमेंट अनिवार्य
महिलाओं को सभी सेक्टर में काम करने की आजादी
नाइट शिफ्ट की इजाजत
पूरे भारत में ESIC कवरेज विस्तार
40 साल से अधिक कर्मचारियों को वार्षिक स्वास्थ्य जांच
ओवरटाइम पर डबल सैलरी
ग्रेज्युटी के लिए केवल 1 साल की नौकरी पर्याप्त
