अयोध्या: राम मंदिर पर ध्वजारोहण से पहले टीएमसी विधायक के ‘बाबरी मस्जिद’ बयान पर साधु-संतों की आपत्ति, विवाद बढ़ा
अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम से पहले टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद’ से जुड़ा बयान देना विवादों में आ गया है। अयोध्या के साधु-संतों ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।
संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मीडिया से बातचीत में विधायक के बयान को “अनावश्यक और भड़काऊ” बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवाद समाप्त हो चुका है, इसलिए किसी भी प्रकार की नई घोषणा या बाबरी मस्जिद के नाम पर प्रतीकात्मक निर्माण का प्रयास समाज में तनाव बढ़ा सकता है।
“बाबरी नाम की ईंट रखने की कोशिश भी विवाद बढ़ाएगी” — परमहंस आचार्य
परमहंस आचार्य ने कहा कि बाबर या मुगल आक्रांताओं के नाम पर कहीं भी ईंट रखने की कोशिश
“नए विवाद और सामाजिक तनाव को जन्म दे सकती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदमों के “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ध्वजारोहण कार्यक्रम से ठीक पहले इस तरह का बयान “राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित” है।
टीएमसी विधायक पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग
आचार्य ने कहा कि सरकार को टीएमसी विधायक के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि यह बयान “देश की एकता और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ” है।
राम विलास वेदांती ने कहा — “दूसरी बाबरी मस्जिद बनना अब संभव नहीं”
राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने भी इस बयान की निंदा की। उन्होंने कहा:
“अब देश में कहीं भी दूसरी बाबरी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती। प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुसार समाज में शांति व एकता बनाए रखना आवश्यक है।”
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान सामाजिक सौहार्द्र को कमजोर करते हैं।
25 नवंबर को राम मंदिर में ध्वजारोहण
अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर विशेष ध्वजारोहण का आयोजन है।
इसी बीच विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम पर निर्माण की बात कहना विवाद का कारण बना हुआ है।
