दुबई एयर शो हादसे पर HAL का आधिकारिक स्पष्टीकरण: तेजस दुर्घटना

दुबई एयर शो 2025 के दौरान भारतीय लड़ाकू विमान एलसीए तेजस एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना के बाद विमान निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि यह हादसा असाधारण परिस्थितियों में हुई एक एकाकी घटना है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि इस दुर्घटना का एचएएल के संचालन, वित्तीय स्थिति या भविष्य की आपूर्ति कार्यक्रमों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

एचएएल ने यह स्पष्टीकरण शेयर बाजार नियामक एनएसई और बीएसई को भेजे अपने आधिकारिक पत्र में दिया। कंपनी ने कहा कि दुबई एयर शो के हादसे के बाद निवेशकों और हितधारकों के बीच किसी प्रकार की गलतफहमी न रहे, इसलिए स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक था। एचएएल ने भरोसा दिलाया कि उसके सभी प्रोजेक्ट, उत्पादन कार्यक्रम और डिलीवरी शेड्यूल पहले की तरह ही जारी हैं।

शुक्रवार को हुए इस हादसे में भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर नमांश स्याल शहीद हो गए थे। रविवार को उनका पार्थिव शरीर भारतीय वायुसेना के C-130 विमान के माध्यम से स्वदेश लाया गया। दक्षिणी वायु कमान के एयरबेस पर सैन्य सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया।

भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना की विस्तृत जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटना उस समय हुई जब तेजस विमान निर्धारित एरोबेटिक अभ्यास के लिए उड़ान भर रहा था। दुर्घटना के सटीक कारणों का पता जांच के बाद ही चल सकेगा।

एचएएल ने बताया कि वह जांच कर रही सभी संबंधित एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहा है और हर तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। कंपनी ने आश्वस्त किया कि जैसे ही कोई महत्वपूर्ण अपडेट प्राप्त होगा, उसे नियामक संस्थानों और हितधारकों के साथ तुरंत साझा किया जाएगा। यह पत्र एचएएल के कंपनी सचिव एवं अनुपालन अधिकारी शैलेश बंसल द्वारा जारी किया गया।

गौरतलब है कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और एचएएल के बीच तेजस के इंजन सप्लाई को लेकर समझौता हुआ है। इसके तहत 113 जेट इंजन भारत को दिए जाएंगे, जिनकी आपूर्ति वर्ष 2032 तक पूरी होने की संभावना है।

तेजस दुर्घटना के बावजूद एचएएल ने स्पष्ट किया है कि इसका स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम या इंजन सप्लाई समझौते पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।