यूपी कैबिनेट का बड़ा फैसला: अयोध्या में भव्य मंदिर संग्रहालय और 18 मंडलों में नए दिव्यांग केंद्र
अयोध्या को वैश्विक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
टाटा सन्स के सहयोग से प्रस्तावित ‘विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय’ का दायरा और बड़ा कर दिया गया है।
सीएसआर फंड से विकसित होने वाला यह अत्याधुनिक संग्रहालय कंपनी एक्ट की धारा 8 के तहत बनाए जाने वाले गैर-लाभकारी एसपीवी द्वारा संचालित होगा।
इसके लिए भारत सरकार, यूपी सरकार और टाटा सन्स के बीच 3 सितंबर 2024 को त्रिपक्षीय एमओयू हुआ था।
पहले 25 एकड़ भूमि दी गई थी, लेकिन टाटा सन्स की मांग पर अब कुल भूमि 52.102 एकड़ कर दी गई है।
परियोजना भूमि निःशुल्क पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जाएगी।
मंदिर संग्रहालय बनने से अयोध्या को नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे।
अब रोजाना 2–4 लाख पर्यटक अयोध्या पहुंच रहे हैं, ऐसे में यह केंद्र नई पीढ़ी और विदेशी सैलानियों के लिए बड़ा आकर्षण होगा।
18 मंडलों में नए डीडीआरसी खोलने की मंजूरी
कैबिनेट ने दिव्यांगजनों के लिए भी एक अहम निर्णय लिया है।
अब प्रदेश के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोले जाएंगे।
वर्तमान में 38 जिलों में केंद्र हैं, लेकिन कई स्थानों पर संचालन में बाधाएं थीं।
नए डीडीआरसी में सर्वे, पहचान, सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग, प्रशिक्षण, फिजियोथेरेपी और स्पीच थेरेपी की सुविधा मिलेगी।
यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया भी आसान होगी।
सरकार का मानना है कि इससे दिव्यांगजन योजनाओं का लाभ समय पर और सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे।
