गुजरात में बहुप्रतीक्षित रण उत्सव 2025 की शुरुआत हो गई, जिसने कच्छ के सफेद रेगिस्तान में पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ा दी है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसकी वैश्विक पहचान और तैयारियों का उल्लेख किया।
धोर्डो में आयोजित यह उत्सव कच्छ की अनोखी संस्कृति, विशाल सफेद रेगिस्तान और लोक परंपराओं का भव्य प्रदर्शन पेश करता है। यहां मिट्टी के भुंगे घर, कारीगरों के हैंडीक्राफ्ट और स्थानीय व्यंजन पर्यटकों को खास अनुभव देते हैं।
कल्चरल परफॉर्मेंस, लाइट-एंड-साउंड शो और बच्चों के लिए गतिविधियां इसे परिवारों और ट्रैवलर्स के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बनाती हैं। एडवेंचर गतिविधियां भी फेस्टिवल का बड़ा आकर्षण हैं।
रण उत्सव के दौरान पर्यटक धोलावीरा, रोड टू हेवन, लखपत, माता नो मध, नारायण सरोवर, कालो डूंगर, स्मृतिवन और मांडवी जैसी प्रसिद्ध जगहों की भी सैर कर सकते हैं। ये स्थान इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं।
उत्सव 20 फरवरी तक चलेगा और कच्छ की विरासत, कारीगरी और मेहमाननवाजी का बड़ा प्रतीक माना जाता है। यह स्थानीय कलाकारों और समुदायों को मजबूत बनाते हुए क्षेत्र को ग्लोबल पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करता है।
रण उत्सव की शुरुआत 2000 के दशक में एक छोटे सांस्कृतिक आयोजन के रूप में हुई थी, जो आज भारत के प्रमुख पर्यटन आयोजनों में शामिल है और लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
