दिल्ली के एक युवक को फेसबुक पर उसके कॉलेज सीनियर के नाम से मैसेज आया। भेजने वाला खुद को IAS बताकर CRPF दोस्त का सामान सस्ते दाम में बेचने की बात कर रहा था। युवक को तुरंत शक हुआ क्योंकि वह अपने असली सीनियर से पहले ही संपर्क में था।
युवक ने पुष्टि के लिए असली सीनियर से बात की और पता चला कि मैसेज पूरी तरह फर्जी है। इसी के बाद उसने स्कैमर को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई।
स्कैमर ने नए नंबर से आर्मी प्रोफाइल फोटो लगाकर QR कोड भेजा। युवक ने बहाना किया कि कोड स्कैन नहीं हो रहा और इसी दौरान उसने स्कैमर को सबक सिखाने की रणनीति तय की।
युवक ने ChatGPT की मदद से एक ट्रैकिंग वेबपेज तैयार किया, जिसमें लिंक खोलते ही यूजर की लोकेशन, IP और कैमरा फोटो कैप्चर हो जाती थी। उसने स्कैमर को वही लिंक भेजा, यह बोलकर कि यहां QR अपलोड करने से पेमेंट जल्दी होगा।
स्कैमर ने जैसे ही लिंक खोला, पेज ने उसकी लोकेशन, IP एड्रेस और फ्रंट कैमरा से ली गई फोटो कैप्चर कर ली। युवक ने ये सबूत उसी को भेज दिए, जिससे स्कैमर घबरा गया।
स्कैमर लगातार माफी मांगने लगा और धोखाधड़ी छोड़ने का वादा करने लगा। युवक ने पूरी चैट और अनुभव रेडिट पर शेयर किया, जिसके बाद मामला वायरल हो गया।
