राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन पूरी तरह द्विपक्षीय वार्ता को समर्पित रहा। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच विस्तृत बातचीत हुई।
संयुक्त प्रेस संबोधन में दोनों नेताओं ने कई रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की। स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और बंदरगाह-शिपिंग में अहम समझौते किए गए।
भारत और रूस ने आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने कहा कि यह दौरा रिश्तों के ऐतिहासिक पड़ाव को दर्शाता है।
दोनों नेताओं ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गहन बातचीत की। इन सेक्टरों को भविष्य में और मजबूत करने की योजना बनाई गई।
2030 तक के लिए व्यापक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर दोनों देशों में सहमति बनी। सप्लाई चेन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मिनरल्स में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
भारत और रूस ने यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ FTA प्रक्रिया को तेज करने पर भी बात आगे बढ़ाई। यह भविष्य के व्यापार को नया आयाम देगा।
यूक्रेन संकट पर पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं, बल्कि शांति के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा है। उन्होंने शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
मोदी ने पुतिन की विजनरी लीडरशिप की सराहना करते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत-रूस संबंध मजबूत बने हुए हैं। आने वाले वर्षों में सहयोग और बढ़ेगा।
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत की गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने डिनर के लिए भी विशेष आभार जताया।
बैठक को भारत-रूस संबंधों को भविष्य की ओर ले जाने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दोनों देशों ने रणनीतिक विश्वास और सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई।
