भारत और रूस ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक-दूसरे के नागरिकों को 30 दिन का निःशुल्क ई-टूरिस्ट वीजा जारी करने पर सहमति बनाई। यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में घोषित किया गया।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देशों के बीच श्रम गतिशीलता समझौता भी हुआ है, जिसके तहत एक देश के नागरिक दूसरे देश में अस्थायी रूप से श्रम कार्य कर सकेंगे।
इसके साथ ही नियमित माइग्रेशन प्रबंधन में सहयोग बढ़ाने के लिए एक और समझौता साइन किया गया है। इससे दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही से जुड़े मुद्दों को व्यवस्थित रूप से संभाला जा सकेगा।
ये समझौते भारत और रूस के बीच हुए 16 बड़े समझौतों का हिस्सा हैं, जो रक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं।
भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। दोनों नेताओं ने इसे एक महत्वाकांक्षी और संभव लक्ष्य बताया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस बिजनेस फोरम में भी हिस्सा लिया, जहां पीएम मोदी ने व्यापारिक विश्वास को दोनों देशों की साझेदारी की सबसे बड़ी ताकत बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य 2030 से पहले भी हासिल हो सकता है क्योंकि टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं लगातार कम की जा रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच FTA प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो व्यापार को नई गति देगी।
राष्ट्रपति पुतिन के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ शामिल होने को पीएम मोदी ने बेहद महत्वपूर्ण बताया और भारत-रूस संबंधों को “आपसी विश्वास” पर आधारित मजबूत साझेदारी कहा।
