जन धन खातों की संख्या 57 करोड़ के पार, कुल जमा राशि 2,74,033 करोड़

प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खातों की संख्या बढ़कर 57.11 करोड़ हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन खातों में कुल जमा राशि 2,74,033.34 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। यह योजना 2014 से वित्तीय समावेशन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

आंकड़ों में यह भी बताया गया कि देशभर में 13.55 लाख बैंक मित्र ब्रांचलैस बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इससे ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता लगातार बढ़ी है। सरकार इसे वित्तीय पहुंच का मजबूत आधार मान रही है।

एक कार्यक्रम में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागाराजू ने बताया कि जन धन खातों में औसत बैलेंस बढ़कर 4,815 रुपए हो गया है। उनका कहना है कि बढ़ता औसत बैलेंस यह दिखाता है कि लोग अब बैंकिंग सिस्टम पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।

सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.67 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए लाभार्थियों तक पहुंचाने की योजना बना रही है। अधिकारी के मुताबिक डीबीटी ने सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और लाभार्थियों तक सीधी पहुंच सुनिश्चित की है।

नागाराजू ने कहा कि भारत की वित्तीय समावेशन यात्रा किसी चमत्कार से कम नहीं है। पीएमजेडीवाई ने 57 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग नेटवर्क से जोड़कर वित्तीय स्वतंत्रता को नई दिशा दी है।

वर्तमान में जन धन खातों में लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपए का बैलेंस है। इन खातों में 78.2 प्रतिशत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के हैं, जबकि महिलाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है। इससे वित्तीय भागीदारी में महिलाओं की बढ़ती भूमिका स्पष्ट होती है।

उन्होंने बताया कि भारत का वित्तीय समावेशन सूचकांक मार्च 2025 में बढ़कर 67 तक पहुंच गया है। यह दर्शाता है कि देश में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच, उपयोग और गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है।

वित्तीय समावेशन सूचकांक 2021 में लॉन्च किया गया था और यह बैंकिंग, बीमा, पेंशन, निवेश और डाक सेवाओं सहित 97 संकेतकों पर आधारित है। इसके तीन मुख्य उप-सूचकांक पहुंच, उपयोग और गुणवत्ता वित्तीय सेवाओं की असल प्रभावशीलता को मापते हैं।