वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में चल रही चर्चा के बीच शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा को वंदे मातरम पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह पार्टी अस्तित्व में भी नहीं थी और आंदोलन से उसका कोई संबध नहीं था।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि वंदे मातरम स्वतंत्रता की लड़ाई के समय लाया गया था, जब देश अंग्रेजों का सामना कर रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय भाजपा जैसी ताकतें इस आंदोलन के विरोध में खड़ी थीं, इसलिए आज उनका इस पर दावा करना इतिहास से छेड़छाड़ जैसा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय ही राज्यसभा की हैंडबुक में ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारों पर रोक लगाई गई। ठाकरे का कहना है कि भाजपा देशभक्ति और हिंदुत्व के नारों का सिर्फ चुनावी इस्तेमाल करती है और बाद में स्वयं ही उन पर प्रतिबंध लगा देती है।
इंडिगो की उड़ानों में देरी और लगातार कैंसिलेशन पर आदित्य ठाकरे ने सरकार की प्राथमिकताओं को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि नेता निजी जेट से यात्रा कर रहे हैं, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के निजी विमान उड़ान भर रहे हैं, लेकिन इसका खर्च आखिर कौन वहन कर रहा है—सरकार यानी टैक्सपेयर्स या ये नेता खुद?
उन्होंने कहा कि जब आम लोग हवाई यात्रा की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब नेताओं की सुविधाओं पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। इससे सरकार की कार्यशैली और जनता से दूरी साफ नजर आती है।
गोवा के एक क्लब में लगी भीषण आग की घटना पर आदित्य ठाकरे ने सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद ही सरकार नियम-कानून लागू करने दौड़ती है, लेकिन सामान्य स्थिति में सुरक्षा मानकों पर पूरी तरह ढील दी जाती है।
ठाकरे ने सवाल किया कि क्या राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बची भी है, क्योंकि हादसों पर कार्रवाई केवल प्रतिक्रियात्मक होती है, न कि रोकथाम के उद्देश्य से।
