भारत टैक्सी ऐप परीक्षण चरण में, सर्ज प्राइसिंग पर नए नियम

निजी ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स द्वारा बढ़ती सर्ज प्राइसिंग के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सहकारी मॉडल पर आधारित ‘भारत टैक्सी ऐप’ फिलहाल टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है।

लोकसभा में दिए गए लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि इस ऐप का उद्देश्य ड्राइवरों के स्वामित्व वाली एक पारदर्शी और न्यायसंगत कैब सेवा स्थापित करना है। यह सेवा सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (एसटीसीएल) के तहत संचालित होगी और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) इसके विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

गडकरी ने बताया कि सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जिनका मकसद ऐप-आधारित कैब सेवाओं को हल्के लेकिन प्रभावी तरीके से रेगुलेट करना है। इन गाइडलाइंस में डायनेमिक प्राइसिंग की अनुमति देते हुए तय किया गया है कि एग्रीगेटर्स बेस फेयर से अधिकतम 50 प्रतिशत कम शुल्क ले सकते हैं, जबकि पीक घंटों में सर्ज प्राइसिंग बेस फेयर के दो गुना से अधिक नहीं होगी।

गाइडलाइंस के अनुसार, ड्राइवर-स्वामित्व वाली टैक्सियों को 80 प्रतिशत और एग्रीगेटर-स्वामित्व वाली टैक्सियों के ड्राइवरों को 60 प्रतिशत भाड़ा मिलेगा। सर्ज प्राइसिंग का लाभ सीधे ड्राइवरों को मिलेगा, जिससे आपूर्ति बढ़ेगी और उच्च मांग के समय सेवाएं बेहतर होंगी।

गडकरी ने कहा कि अत्यधिक भाड़ा वसूलने पर एग्रीगेटर्स के लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जा सकते हैं, और यात्रियों से डेड माइलेज का शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय तीन किलोमीटर से कम यात्रा के मामलों में।