सूखे मेवे भिगोकर खाने के फायदे, सेहत को मिलते हैं लाभ

शरीर को हमेशा चुस्त और दुरुस्त बनाए रखने के लिए संतुलित आहार के साथ सूखे मेवों का सेवन जरूरी माना जाता है, क्योंकि ये न केवल शरीर की कोशिकाओं को पोषण देते हैं बल्कि मन और मस्तिष्क के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखते हैं।

आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार सूखे मेवों को रात के समय पानी में भिगोकर सुबह खाना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे उनके पोषक तत्व सक्रिय हो जाते हैं और पाचन आसान हो जाता है।

बादाम का सेवन भिगोकर करना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है, क्योंकि रातभर भिगोने से इसमें मौजूद फाइटिक एसिड कम हो जाता है, जो शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालता है।

भीगे हुए बादाम न केवल आसानी से पचते हैं बल्कि दिमाग की सेहत, याददाश्त और ऊर्जा स्तर को भी बेहतर बनाते हैं, जिससे शरीर को इसका पूरा पोषण मिल पाता है।

किशमिश का सेवन भी रात में भिगोकर सुबह करना चाहिए, क्योंकि भीगी हुई किशमिश में आयरन की उपलब्धता बढ़ जाती है और यह पाचन को सुधारने के साथ शरीर की अतिरिक्त गर्मी को शांत करती है।

विशेषज्ञों के अनुसार सूखी किशमिश की तासीर गर्म होती है, लेकिन भिगोने के बाद वही किशमिश शरीर को ठंडक देती है और खून की कमी को दूर करने में सहायक होती है।

अंजीर को भिगोकर खाने की सलाह भी खास तौर पर दी जाती है, क्योंकि सूखने के बाद इसके रेशे सख्त हो जाते हैं और पाचन में परेशानी पैदा कर सकते हैं।

पानी में भिगोने से अंजीर नरम हो जाती है और इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम और अन्य मिनरल्स का अवशोषण बेहतर होता है, दूध के साथ लेने पर यह शरीर की ऊर्जा को और बढ़ा देती है।

सूखे मेवों के साथ कुछ बीजों को भी रात में भिगोकर खाना लाभकारी माना जाता है, जिसमें मेथी, धनिया और असली के बीज शामिल हैं।

मेथी के बीज भिगोने से उनका कड़वापन कम हो जाता है और उनका सेवन पाचन को सुधारने के साथ ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

असली के बीजों को भिगोकर खाने से फाइटिक एसिड कम होता है, जिससे पाचन संबंधी दिक्कत नहीं होती और शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में मिलता है।

हालांकि सभी सूखे मेवों को भिगोना जरूरी नहीं है, क्योंकि अखरोट, खसखस, काजू, पिस्ता और मगज के बीजों का सेवन बिना भिगोए भी किया जा सकता है और ये शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करते हैं।