आयुर्वेद में नाभि में तेल लगाने के चौंकाने वाले फायदे

आयुर्वेद के अनुसार नाभि को शरीर का केंद्र बिंदु माना गया है, यहां केवल एक दो बूंद तेल डालने से पूरे शरीर को अंदर से पोषण मिलता है और ऊर्जा संतुलित रहती है।

प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में नाभि को जीवन का आधार बताया गया है, मान्यता है कि यहां लगभग 72 हजार नाड़ियां मिलती हैं जो पूरे शरीर से जुड़ी होती हैं।

इसी कारण नाभि को एक महत्वपूर्ण मर्म बिंदु माना जाता है, जो शरीर की ऊर्जा, ताकत और संतुलन को नियंत्रित करता है।

नाभि में तेल लगाने की परंपरा सदियों पुरानी आयुर्वेदिक पद्धति है, इसे ऐसे समझा जा सकता है जैसे पेड़ की जड़ों में पानी देने से पूरा पेड़ हरा भरा हो जाता है।

आयुर्वेद में नाभि को मणिपुर चक्र का स्थान बताया गया है, यह चक्र पाचन शक्ति, आंतरिक ऊर्जा और पाचन तंत्र से जुड़ा होता है।

नियमित रूप से नाभि में तेल लगाने से पाचन बेहतर होता है, शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और आंतरिक संतुलन बना रहता है।

यह प्राकृतिक उपाय त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में भी मदद करता है, साथ ही आंखों की रोशनी तेज होने और मन को शांति मिलने की मान्यता है।

रात को सोने से पहले नाभि में घी, नारियल तेल या आयुर्वेदिक तेल की कुछ बूंदें डालने से नींद बेहतर आती है और तनाव कम होता है।

आयुर्वेद के अनुसार नाभि में लगाया गया तेल आसानी से अवशोषित होकर पूरे शरीर में फैल जाता है और अंदरूनी अंगों को पोषण देता है।

नाभि में तेल लगाने की यह विधि कोई नई खोज नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही आयुर्वेदिक परंपरा का हिस्सा है।

आज के भागदौड़ भरे जीवन में यह सरल घरेलू उपाय कई छोटी बड़ी समस्याओं से राहत दे सकता है, हालांकि किसी गंभीर बीमारी में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी माना गया है।