छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर तीखा बयान देते हुए कहा कि यह समस्या देश के लिए कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक है और इसके खिलाफ सनातन धर्म के अनुयायी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के तीन मुख्य कारण अशिक्षा, अंधविश्वास और आर्थिक तंगी हैं, और इन कारणों को खत्म करने की जिम्मेदारी समाज के जागरूक और सक्षम वर्ग की है, ताकि हिंदू समाज को मजबूत बनाया जा सके।
पंडित शास्त्री ने कहा कि अशिक्षा के कारण लोग सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते, अंधविश्वास में फंस जाते हैं, जबकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग लालच में आकर धर्म परिवर्तन की राह पकड़ लेते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पूजा-पाठ के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पूजा के नाम पर कराए जा रहे धर्म परिवर्तन का विरोध करते हैं, और इसके लिए समाज को संगठित होकर समाधान की दिशा में काम करना होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि 25 दिसंबर से भिलाई में हनुमान चालीसा पर आधारित पांच दिवसीय प्रवचन और दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
भिलाई को शिक्षा और उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र बताते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि यहां पूरे छत्तीसगढ़ से छात्र पढ़ने आते हैं, नए सपने देखते हैं और भारत को महान बनाने की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की धरती पर आना उनके लिए सौभाग्य की बात है, और यहां के लोग अद्भुत हैं तथा प्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत में बांग्लादेश जैसे हालात नहीं देखना चाहते, तो अब ही हिंदू समाज को एकजुट होना होगा, क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं।
कांकेर की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो हुआ वह अच्छा नहीं था, लेकिन हिंदुओं ने जिस तरह एकता दिखाई, उसके लिए वे साधुवाद देते हैं और यही एकता देश को आगे ले जाएगी।
अंत में उन्होंने छत्तीसगढ़ में शांति और उन्नति की कामना करते हुए कहा कि उनका संकल्प भारत को विश्व गुरु बनाने का है, और जब तक यह लक्ष्य पूरा नहीं होता, वे समाज को जागरूक करने का अभियान जारी रखेंगे।
