बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा को लेकर भारत की चिंता

भारत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के खिलाफ अविराम शत्रुता एक गंभीर विषय है और भारत हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है।

शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मयमनसिंह में एक हिंदू युवक की हत्या की कड़ी निंदा की, उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,900 से अधिक हिंसक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें हत्या, आगजनी, लूटपाट और जमीन पर अवैध कब्जे जैसी गंभीर घटनाएं शामिल हैं।

रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि इन घटनाओं को मीडिया की अतिशयोक्ति या केवल राजनीतिक हिंसा बताकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, उन्होंने बांग्लादेश में भारत विरोधी झूठे नैरेटिव को भी पूरी तरह खारिज किया।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है, और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

इस बीच बांग्लादेशी मीडिया ने गुरुवार को 29 वर्षीय हिंदू युवक अमृत मंडल की हत्या की खबर दी, बताया गया कि बुधवार देर रात उन्हें भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।

इससे पहले 18 दिसंबर को 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भी झूठे ईशनिंदा आरोपों के बाद भीड़ द्वारा नृशंस हत्या कर दी गई थी, जिससे हालात की गंभीरता और बढ़ गई है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और बांग्लादेशी अधिकारियों के संपर्क में है, साथ ही अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा देने की मांग दोहराई गई है।

गौरतलब है कि 17 दिसंबर को भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।

भारत ने यह भी चिंता जताई है कि कुछ चरमपंथी तत्व ढाका स्थित भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा संकट पैदा करने की साजिश रच सकते हैं, और अंतरिम सरकार से कूटनीतिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई है।