भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2017-18 सीरीज-XIII की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन दर का ऐलान किया है, इस बॉन्ड में निवेश करने वालों को अब तक का करीब 382 प्रतिशत का शानदार रिटर्न मिला है, जिससे सोने में निवेश एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
आरबीआई के अनुसार 26 दिसंबर 2017 को जारी किए गए इस बॉन्ड को 13,563 रुपये प्रति ग्राम की दर से प्रीमैच्योर तरीके से भुनाया जा सकता है, जबकि एसजीबी की कुल मैच्योरिटी अवधि आठ साल की होती है और पांच साल पूरे होने के बाद निवेशक इसे भुना सकते हैं।
इस सीरीज के बॉन्ड को उस समय 2,866 रुपये प्रति ग्राम की कीमत पर जारी किया गया था, ऐसे में प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर निवेशकों को लगभग 381.6 प्रतिशत का कैपिटल रिटर्न मिल रहा है, जो किसी भी सुरक्षित निवेश विकल्प में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
खास बात यह है कि इस रिटर्न के अलावा निवेशकों को एसजीबी पर हर साल 2.5 प्रतिशत की ब्याज आय भी मिलती है, अगर इस ब्याज को कुल रिटर्न में जोड़ा जाए तो मुनाफा और भी अधिक हो जाता है।
एसजीबी सरकार द्वारा समर्थित सिक्योरिटीज होती हैं, जिनकी कीमत सीधे तौर पर सोने के दाम से जुड़ी रहती है, इसे फिजिकल गोल्ड के सुरक्षित और डिजिटल विकल्प के रूप में देखा जाता है।
नियमों के अनुसार एसजीबी को मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है, साथ ही पांच साल के बाद प्रीमैच्योर रिडेम्पशन पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है, जिससे यह निवेशकों के लिए और आकर्षक बन जाता है।
बीते कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है, इसके पीछे अमेरिकी फेड की ब्याज दर नीति, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और गोल्ड ईटीएफ में बढ़ती खरीदारी को बड़ी वजह माना जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में भी सोने की कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर डॉलर की साख और अंतरराष्ट्रीय तनाव निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें फिलहाल रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास बनी हुई हैं, खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोने का भाव 0.73 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,536 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है।
