अरावली के संरक्षण पर सख्त सरकार, अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अरावली पर्वतमाला प्रदेश की अमूल्य प्राकृतिक धरोहर है और इसके संरक्षण को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है, उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अरावली के स्वरूप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित वन एवं पर्यावरण और खान विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने अरावली क्षेत्र में अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए, साथ ही वन, पर्यावरण, खान और पुलिस विभाग को संयुक्त अभियान चलाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से काम करें और अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि अरावली की प्राकृतिक संरचना सुरक्षित रह सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा अरावली क्षेत्र में किसी भी प्रकार के नए खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी, इस संबंध में केंद्र सरकार के निर्देश भी पूरे अरावली भू-भाग पर समान रूप से लागू होंगे।

शर्मा ने कहा कि इन निर्देशों से पर्वत श्रृंखला का प्राकृतिक स्वरूप सुरक्षित रहेगा और अनियमित तथा अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी, सरकार इस मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि खनन लीज जारी करते समय सुप्रीम कोर्ट और सीईसी द्वारा जारी गाइडलाइंस के साथ सभी पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।

उन्होंने हरित अरावली विकास परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अरावली पर्वतमाला को हरा-भरा बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम किया जा रहा है, जिसके तहत 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण किया जा रहा है।

बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय, वन एवं पर्यावरण विभाग और खान विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जहां अरावली संरक्षण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।