बहुत भारी बारिश की चेतावनी
आईएमडी ने चेतावनी दी है कि गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात के कुछ हिस्सों और तटीय कर्नाटक में बहुत भारी बारिश हो सकती है। यह स्थिति जुलाई के महीने में सामान्य से अधिक वर्षा के कारण उत्पन्न हो सकती है।
मानसून की प्रगति
आईएमडी ने सोमवार को कहा कि जून के मध्य में धीमी प्रगति के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से छह दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है।
मानसून का विस्तार
मंगलवार को मौसम विभाग ने बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष भागों में और आगे बढ़ गया है। इस प्रकार, यह दो जुलाई तक पूरे देश को कवर कर चुका है, जबकि सामान्यतः यह आठ जुलाई तक पहुंचता है।
मानसून की शुरुआत
इस वर्ष, मानसून 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहुंचा, जो सामान्य से दो से छह दिन पहले है। मानसून अपने सामान्य समय से छह दिन पहले ही पूरे भारत में पहुंच गया।
धीमी प्रगति और असर
हालांकि, महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से पहुंचने के बाद इसकी गति धीमी हो गई, जिसके कारण पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ गया और उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ गया।
जून में कम वर्षा
देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई, जिसके कारण जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई। जून महीने में 147.2 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्यतः इस महीने में 165.3 मिमी वर्षा होती है, जो 2001 के बाद से सातवीं सबसे कम वर्षा है।
मानसून का सामान्य समय
दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटने लगता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
मानसून की जल्दी पहुँच
आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश को कवर किया है। 2022 और 2021 में मानसून ने दो जुलाई को पूरे देश को कवर कर लिया था। वहीं, 2011 से अब तक मानसून सात बार सामान्य तिथि से पहले देश के सभी हिस्सों में पहुंच चुका है।
अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान
आईएमडी ने मंगलवार को कहा कि अगले चार से पांच दिन के दौरान उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में मानसून सक्रिय रहेगा। दो-छह जुलाई के दौरान बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। पांच-छह जुलाई को अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है।