बिहार में लगातार पुल गिरने की घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। वकील ब्रजेश सिंह ने बुधवार को दायर की गई याचिका में राज्य सरकार से सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि पुलों के गिरने की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
बाढ़ग्रस्त बिहार
बिहार का 68,800 वर्ग किलोमीटर का इलाका बाढ़ग्रस्त है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 73 प्रतिशत है। इस परिस्थिति में पुलों का गिरना राज्य के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। बीते 15 दिनों में ही राज्य में 9 पुल गिर चुके हैं, जिनमें बुधवार को सीवान जिले में दो और सारण में एक पुल गिरा। इसके अलावा पंचायत स्तर पर भी कई पुल गिरने की घटनाएं हुई हैं।
हादसों में जान-माल का नुकसान
याचिकाकर्ता ने बताया कि बीते दो वर्षों में राज्य में निर्माणाधीन तीन बड़े पुलों समेत कई अन्य पुल भी गिर चुके हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए।
सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह बिहार सरकार को निर्देश दे कि सभी पुलों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही राज्य सरकार से पुलों के निर्माण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और नीति लागू करने तथा निर्माणाधीन पुलों की लगातार मॉनिटरिंग की मांग की गई है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी ने पुलों के गिरने की घटनाओं की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाने का एलान किया है।
इस याचिका के अनुसार, राज्य में बढ़ते हादसों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है ताकि सरकार की लापरवाही और ठेकेदारों के भ्रष्ट गठजोड़ को खत्म किया जा सके।