रूस यात्रा का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेना था।
राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात
यात्रा के दूसरे दिन, प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में द्विपक्षीय बातचीत हुई जिसमें दोनों देशों ने हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की। भारत-रूस के संबंधों को और मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।
बातचीत के मुख्य बिंदु
- आतंकवाद की निंदा: दोनों नेताओं ने हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की।
- परस्पर सहयोग: ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण, और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद किया और कहा:
“महामहिम और मेरे दोस्त, मैं इस भव्य स्वागत और सम्मान के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। भारत में चुनावों में हमें अभूतपूर्व जीत मिली। उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। मार्च में आपने भी शानदार प्रदर्शन किया था। चुनाव में जीत के लिए मैं एक बार फिर आपको शुभकामनाएं देता हूं।”
विशेष संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि पिछले 2.5 दशकों से उनका रूस और राष्ट्रपति पुतिन के साथ विशेष संबंध रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में वे 17 बार मिल चुके हैं और यह उनकी 22वीं द्विपक्षीय बैठक है।
भारतीय समुदाय को संबोधन
रूस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता रहा है, मैं उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी। भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे रूसी दोस्त इसे ‘द्रुजवा’ कहते हैं और हम हिन्दी में इसे ‘दोस्ती’ कहते हैं।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह रूस यात्रा भारत-रूस संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच के ऐतिहासिक और मजबूत संबंधों की एक और मिसाल है।