मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई

पृष्ठभूमि

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीनों से जेल में बंद हैं। उनके वकील ने बताया कि ट्रायल अब भी उसी स्टेज पर है, जो अक्टूबर 2023 में था। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर ट्रायल में देरी होती है तो फिर से कोर्ट का रुख कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। अब अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। यह सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजय करोल, और जस्टिस के वी विश्वनाथ की बेंच में हुई।

वकील का तर्क

सिसोदिया के वकील, विवेक जैन ने कहा कि उनके मुवक्किल पिछले 16 महीनों से जेल में हैं और ट्रायल में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि उनकी कैद पर विचार किया जाए। जैन ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि अगर मुकदमे में देरी होती है तो मैं जमानत के लिए आवेदन कर सकता हूं। इस अदालत ने लंबे समय तक कैद में रहने का संज्ञान लिया था।”

गिरफ्तारी और आरोप

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर से उत्पन्न धनशोधन मामले में सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

मामले की संक्षिप्त जानकारी

सीबीआई और ईडी का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति में सुधार करते वक्त अनियमितताएं हुईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस दिए गए।

निष्कर्ष

अब सबकी नजरें 29 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह देखा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर क्या निर्णय लेता है।

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