विदेश मंत्री एस. जयशंकर और यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के बीच महत्वपूर्ण बातचीत

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की। यह बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के बाद हुई है, जिसे एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। पीएम मोदी के रूस में भव्य स्वागत पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाराजगी जाहिर की थी, जिससे यह बातचीत और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

बातचीत का समय और संदर्भ

  • तारीख: पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा के करीब दस दिन बाद
  • पृष्ठभूमि: यूक्रेन के राष्ट्रपति द्वारा पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना

बातचीत का मुख्य उद्देश्य

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि बातचीत का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करना था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म “एक्स” पर लिखा, ‘‘आज दोपहर में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के साथ एक अच्छी बातचीत हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने के बारे में चर्चा हुई।’’

यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने भी इस बातचीत को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली की मेरी यात्रा और इटली में राष्ट्रपति जेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक के बाद, मैंने यूक्रेन-भारत द्विपक्षीय संबंधों को आगे और बढ़ाने के बारे में अपने भारतीय समकक्ष डॉ. जयशंकर से बात की।’’

पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा और उसकी प्रतिक्रिया

  • पीएम मोदी की यात्रा: पीएम मोदी ने आठ और नौ जुलाई को मॉस्को का दौरा किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता में, उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान पर संभव नहीं है और बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।
  • जेलेंस्की की प्रतिक्रिया: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा को ‘बड़ी’ निराशा और शांति प्रयासों के लिए ‘विनाशकारी झटका’ करार दिया था। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, ‘‘एक रूसी मिसाइल ने यूक्रेन के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल पर हमला किया, जिसमें युवा कैंसर रोगियों को निशाना बनाया गया। कई लोग मलबे के नीचे दब गए।’’ जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को ऐसे दिन मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते देखना बेहद निराशाजनक है।

निष्कर्ष

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और दमित्रो कुलेबा के बीच हुई इस बातचीत ने स्पष्ट किया कि भारत और यूक्रेन अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही हालात कितने भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों। इस बातचीत ने यह भी दिखाया कि भारत, यूक्रेन के साथ संबंधों को महत्व देता है और विवादास्पद मुद्दों के बावजूद दोनों देश सहयोग के नए रास्ते तलाश रहे हैं।

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