आज पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “पावन पर्व गुरु पूर्णिमा की सभी देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं।”
गुरु पूर्णिमा: महर्षि वेद व्यास की जयंती
गुरु पूर्णिमा, जिसे आषाढ़ पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, महर्षि वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह दिन शिष्यों द्वारा अपने गुरुओं की पूजा का होता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, महर्षि वेद व्यास का जन्म लगभग 3000 साल पहले आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। कहा जाता है कि इस दिन की शुरुआत महर्षि वेद व्यास के जन्म के उपलक्ष्य में हुई। गुरु पूर्णिमा महोत्सव पूरी तरह से महर्षि वेद व्यास को समर्पित है।
श्रद्धा और आस्था का संगम: हरिद्वार और प्रयागराज
गुरु पूर्णिमा पर आज उत्तराखंड के हरिद्वार और यूपी के प्रयागराज, गढ़मुख्तेश्वर आदि घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। गंगा स्नान के बाद लोग अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा और वस्त्र भेंट करते नजर आए। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़े प्रबंध किए हैं।
पूर्णिमा तिथि और पूजा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई की शाम 5 बजकर 59 मिनट पर हो चुकी थी, और इसका समापन 21 जुलाई को शाम 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व आज ही मनाया जा रहा है।
- स्नान दान का समय: रविवार सुबह 4:13 से 4:50 बजे तक।
- गुरु पूजन का शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:55 बजे तक।
- शाम का पूजन मुहूर्त: शाम 7:24 से रात 8:25 बजे तक।
इस विशेष दिन पर हम सभी अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करें और उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लें। गुरु पूर्णिमा की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।