वायनाड भूस्खलन: 300 की मौत, 200 लापता, बचाव अभियान जारी

मृतकों और घायलों की संख्या

केरल के वायनाड जिले में दो दिन पहले हुए भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। इस आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 300 हो गई है, जबकि 200 लोग अब भी लापता हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक, अब तक मलबे के नीचे से मानव शरीर के 100 अंग बरामद किए गए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 225 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से 96 का अब भी इलाज चल रहा है।

प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति

राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों तथा चलियार नदी से बहुत सारे मानव अंग बरामद किए गए हैं। मृतकों का पता लगाने के लिए आनुवंशिक परीक्षण किए जाने की आवश्यकता होगी।

खोज और बचाव कार्य

मंत्री के अनुसार, विभिन्न एजेंसियों और सशस्त्र बलों के 1,300 कर्मियों ने भारी मशीनरी की मदद के बिना, बारिश, हवा और कठिन भूभाग का सामना करते हुए क्षेत्र में संयुक्त खोज और बचाव अभियान चलाया। अब बेली ब्रिज बन चुका है और हम खोज एवं बचाव कार्यों में सहायता के लिए भारी मशीनरी भेजने में सक्षम हैं।

राहत और पुनर्वास

जिले के 9,328 लोगों को 91 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। इनमें से चूरलमाला और मेप्पाडी में भूस्खलन के कारण विस्थापित हुए 578 परिवारों के 2,328 लोगों को नौ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

शवों की तलाश

शुक्रवार को पुलिस, स्थानीय स्वयंसेवक, नौसेना, तटरक्षक बल और वन विभाग के कर्मी भी चलियार नदी के किनारे शवों की तलाश करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, मलाप्पुरम से होकर बहने वाली चलियार नदी के हिस्से से मिले 143 शव और मानव शरीर के अंगों को वायनाड लाया गया है। अब तक मलप्पुरम जिले से 58 शव और 95 मानव शरीर के अंग बरामद किए गए हैं।

मृतकों का विवरण

वायनाड जिला प्रशासन ने कहा कि 190 मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं। मानव शरीर के अंगों सहित 279 पोस्टमॉर्टम पूरे हो चुके हैं और 107 शवों की पहचान हो चुकी है।

इस भूस्खलन ने वायनाड जिले को एक बहुत बड़ी त्रासदी का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन और बचाव दल लगातार प्रयासरत हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जा सके।

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