भूतपूर्व सुचना एवं प्रसारण विभाग के सचिव महेश कटारा विवादों के घेरे में……

भूतपूर्व सूचना एवं प्रसारण विभाग के सचिव महेश कटारा विवादों में घिर गए हैं। महेश कटारा, जो कि गुजरात सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे, सेवानिवृत होने के बाद श्री योग वेदांत सेवा समिति के साथ सामाजिक सेवाओं में सक्रिय हो गए। यह संस्था सामाजिक और धार्मिक सेवाओं में कार्यरत है।

हालांकि, हाल ही में महेश कटारा के आचरण को लेकर समिति के कई सदस्यों में नाराज़गी देखी जा रही है। उन पर लोगों को भड़काने, समिति के नियमों का उल्लंघन करने और पदाधिकारियों से झगड़ा करने के आरोप लगे हैं।

समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने महेश कटारा को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वे उनसे भी अभद्रता से पेश आए, तो अखिल भारतीय श्रीयोग वेदान्त सेवा समिति ने एक सुचना जाहिर की ,जो निम्नलिखित है |
• अखिल भारतीय गुजरात कोर समिति की अनलाइन बैठक हुई, जिसमें पता चला कि कुछ तथाकथित लोगों ने बड़ोदा सिटी में संस्था के सिद्धांतों के विरुद्ध जाकर अलग से कोई मीटिंग रखी है | इस मीटिंग के लिए बड़ोदा समिति और सूरत समिति का कहना है कि बड़ोदा की मीटिंग के लिए हमारी कोई सहमति नहीं है और हमारी बिना जानकारी के ही हमारे नाम इनके मैसेज में डाले गए हैं | ये वही लोग जिन्होंने लगभग 2 महीने पहले दाहोद समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों के लिए “गद्दार” शब्द लिख कर मैसेज डाला था और इन्हीं लोगों ने अहमदाबाद के चालू उत्तरायण शिविर में आकर हल्ला- गुल्ला करके माहोंल बिगाड़ने का कार्य किया था |
• इन सब में मुख्य भूमिका महेश कटारा की थी | महेश कटारा पर गुजरात के साधकों को भड़काने का आरोप पहले से ही है और ये ऐसी बैठकें करके समिति की वयवस्था के विरुद्ध भड़काते हैं और मुख्य समिति वालों का विरोध करते हैं |
• इसलिए गुजरात के सभी साधकों और समितियों से निवेदन है कि संस्था के सिद्धांत के विरुद्ध कार्य करने वाले लोगों का कोई सहयोग ना करें और कोई भी समिति/साधक इनके कार्यक्रम में ना जायें | इनके कार्यक्रम के लिए अखिल भारतीय श्री योग वेदान्त सेवा समिति कार्यालय, अहमदाबाद की कोई सहमति नहीं है |

महेश कटारा के नजदीकी लोगों का यह भी कहना है कि महेश कटारा को एक संत का श्राप लगा है कि वो जिस भी काम में हाथ डालेगा उसमे विफल ही होगा | सूत्रों का यह भी कहना है कि इन विवादों के कारण कटारा जी के राजकीय कार्यकाल में हुए कई विवादास्पद मामले भी सामने आ सकते हैं |

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