शेख हसीना का इस्तीफा और देश छोड़ना
बांग्लादेश में भारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह अब बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई हैं और यहां से लंदन जाने की योजना बना रही हैं। इस बीच बांग्लादेश में तख्तापलट की स्थिति पर भारत पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान
बांग्लादेश संकट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर आज लोकसभा और राज्यसभा में बयान देने वाले हैं। जयशंकर दोपहर 2:30 बजे राज्यसभा और 3:30 बजे लोकसभा में बांग्लादेश के मुद्दे पर बोलेंगे। वह बांग्लादेश में हुए तख्तापलट को लेकर भारत के रुख पर बयान देंगे।
सर्वदलीय बैठक
इससे पहले आज विदेश मंत्री जयशंकर की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल हुए। इसके साथ ही संसदीय कार्य मंत्री ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बैठक में बांग्लादेश की मौजूदा हालात पर राजनीतिक दलों को ब्रीफ किया।
बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते
जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश भारत का खास पड़ोसी देश है और दोनों देशों के रिश्ते अच्छे रहे हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश से भागकर भारत आने के बाद वह यहां से ब्रिटेन या किसी दूसरे देश जा सकती हैं। शेख हसीना को लेकर भारत का क्या स्टैंड है और बांग्लादेश में अगर मार्शल लॉ लगता है तो उससे भारत कैसे निपटेगा, इस पर चर्चा हुई।
बांग्लादेश की अस्थिरता का भारत पर असर
बांग्लादेश की अस्थिरता का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा, चीन और पाकिस्तान का रोल कैसा रहेगा, इन सब को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने राजनीतिक दलों को ब्रीफ किया। संसद में बयान देने से पहले मोदी सरकार सभी दलों को विश्वास में लेना चाहती है।
कैबिनेट समिति की बैठक
सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई थी। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं थीं। बैठक में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से भारत पर पड़ने वाले प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक संकट और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भारत इस स्थिति पर गहराई से नजर रखे हुए है। विदेश मंत्री जयशंकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठकों से यह स्पष्ट है कि भारत बांग्लादेश की अस्थिरता को लेकर चिंतित है और इसके प्रभावों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब देखने वाली बात यह होगी कि बांग्लादेश में होने वाले आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों से भारत-बांग्लादेश संबंधों पर क्या असर पड़ता है।