प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जुलाई को वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां हाल की भूस्खलन घटनाओं में 226 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस हवाई सर्वेक्षण में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद थे। वायनाड के इन क्षेत्रों में कई लोग अब भी लापता हैं और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
भूस्खलन की सबसे अधिक मार झेलने वाले क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मोदी ने इरुवाझिनजी पूझा (नदी), पुंचिरीमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत और बचाव कार्यों का भी जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की और बचाव दलों से निकासी कार्यों की जानकारी ली।
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया, जो आपदा प्रबंधन में अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस पुल का निर्माण सिर्फ 71 घंटों में पूरा किया गया, जिससे भारी वाहनों और मशीनरी की आवाजाही संभव हो सकी। इस कार्य से लगभग 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है, जो वायनाड में अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रही है। इस समिति का दौरा शनिवार को समाप्त होगा। प्रधानमंत्री के इस दौरे से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को और गति मिली है।