नई दिल्ली: भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए नई समुद्री पहल (MAITRI) की शुरुआत करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य क्वाड साझेदार देशों को उनके जलक्षेत्र की सुरक्षा, कानूनों को लागू करने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सक्षम बनाना है। इस पहल की पहली कार्यशाला 2025 में भारत द्वारा आयोजित की जाएगी, जिसकी घोषणा अमेरिकी दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की उप सहायक सचिव नैन्सी इज़ो जैक्सन ने की।
इज़ो जैक्सन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा, “हम गर्व से घोषणा कर रहे हैं कि इंडो-पैसिफिक में प्रशिक्षण के लिए MAITRI पहल का उद्घाटन संगोष्ठी 2025 में भारत द्वारा आयोजित किया जाएगा।” यह घोषणा क्वाड समूह की समुद्री रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।MAITRI पहल को हाल ही में डेलावेयर में हुई क्वाड समूह की छठी शिखर बैठक के प्रमुख परिणामों में से एक बताया गया है।
इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। यह पहल क्वाड के सदस्यों की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय क्षमता निर्माण की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।MAITRI पहल इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) पर आधारित है, जो पहले से ही क्षेत्रीय साझेदारों को समुद्री जानकारी प्रदान करने के लिए काम कर रही है।
इस नई पहल से इंडो-पैसिफिक के देशों को अपने समुद्री कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।क्वाड नेताओं ने हाल ही में विल्मिंगटन घोषणा में समुद्री क्षेत्र में “खतरनाक और आक्रामक कार्रवाइयों” पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अवैध मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाली एकतरफा कार्रवाइयों के खिलाफ अपना सामूहिक विरोध जताया।इसके साथ ही, 2025 में शुरू होने वाले “क्वाड-एट-सी शिप ऑब्ज़र्वर मिशन” जैसी प्रमुख पहलों की भी घोषणा की गई। क्वाड ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर ज़ोर दिया है, जो क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।