नई दिल्ली:- भारतीय सशस्त्र बलों ने तालमेल और साहस का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए संयुक्त राष्ट्र डिसइंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (UNDOF) के तहत गोलान हाइट्स से हवलदार सुरेश आर की सफल चिकित्सा निकासी को अंजाम दिया। रक्षा मंत्रालय (MoD) के सहयोग से यह अभियान पूरी तरह से समन्वित और अत्यधिक जटिल परिस्थितियों में संपन्न हुआ।20 सितंबर 2024 को ड्यूटी के दौरान हवलदार सुरेश आर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इज़राइल के संयुक्त राष्ट्र अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, उनकी स्थिति को देखते हुए और अधिक चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी, जिसके चलते उन्हें भारत लाने का निर्णय लिया गया।
आर्मी मेडिकल कोर (AMC) की एक टीम ने भारतीय वायु सेना (IAF), इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) और रक्षा मंत्रालय (DMA) के साथ मिलकर इस जटिल मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।इस मिशन में न केवल कठिन परिस्थितियों के बीच सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की गई, बल्कि हवलदार सुरेश को रास्ते में अत्याधुनिक चिकित्सा देखभाल भी उपलब्ध कराई गई।
इस समर्पण और बहादुरी ने सशस्त्र बलों की अटूट प्रतिबद्धता को एक बार फिर उजागर किया, जो किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी अपने सैनिकों की सुरक्षा और जीवन बचाने के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
इस साहसिक अभियान की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मैं हमारे घायल सैनिक हवलदार सुरेश आर को विदेशी मिशन से निकालने की योजना बनाने और उसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में सशस्त्र बलों की एकजुटता की सराहना करता हूं। हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है, जिन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि वे अपने सैनिकों की सुरक्षा के प्रति अडिग और समर्पित हैं।”
यह मिशन भारतीय सशस्त्र बलों के उच्चतम मूल्यों और उनके जीवनरक्षक कर्तव्यों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।